नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायसीना डायलॉग के दूसरे एडिशन में दिए गए भाषण की तारीफ की है।
बुधवार को कहा कि ‘रायसीना डायलॉग’ में 65 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जो राष्ट्रीय परिदृश्य के हिसाब से महत्वपूर्ण है। उन्हें सरकार की विदेश नीति के संबंध में कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि विदेश नीति के संबंध में हमारा मानना है कि देश किसी भी पार्टी से बढ़कर होता है। मैंने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान भी ट्वीट किया था कि मैं मोदी के बौद्ध धर्म, आयुर्वेद और योग के बारे में कही गई बातों से सहमत हूं, क्योंकि उनकी उत्पत्ति ही भारत से हुई है।
मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि ये इस देश के सिद्धांत का हिस्सा रहे हैं। अगर आप मोदी के सिद्धांत और मनमोहन के सिद्धांत की तुलना करेंगे तो दोनों में कोई अंतर नहीं है, दोनों एक ही हैं। विदेश नीति भारत के विकास और परिवर्तन को समर्पित होनी चाहिए। इसलिए मुझे बयान के साथ कोई वास्तविक वैचारिक असहमति नहीं है।
थरूर ने कहा कि इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों और बैठकों का भारत में ज्यादा से ज्यादा आयोजन होना चाहिए। शशि थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम था।
मैं लंबे समय से इस बात की वकालत करते रहा हूं कि भारत में अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए जिससे वैश्विक मानचित्र में भारत मजबूती से दिख सके। यह राष्ट्रीय हित के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण है कि हम दिल्ली में 65 देशों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित करने में कामयाब रहे हैं, जिसका श्रेय निश्चत रूप से वर्तमान सरकार को जाता है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को 3 दिनों तक चलने वाले रायसीना डायलॉग का उद्घाटन किया था जिसमें इस बार 65 देशों के 250 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबका साथ और सबका विकास केवल भारत के लिए नहीं है। यह नारा पूरे विश्व के लिए है।
भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर अपने रिश्ते ज्यादा मजबूत बना रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर कई बार प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
इससे पहले उन्होंने खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के साल 2017 के कैलेंडर और डायरी पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाने को मार्केटिंग का तरीका बताते हुए इसे ‘ब्रांड मोदी’ के प्रचार के सभी तरह के प्रयासों का हिस्सा करार दिया था।
इससे पहले मोदी की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण को भी स्वीकार लिया था।