सबगुरु न्यूज-सिरोही। अतिवृष्टि के बाद सिरोही में पानी से घिरे गांवों में राहत की स्थिति पर चर्चा के लिए आपदा राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया सोमवार को सिरोही पहुंचे तो उनका सामना सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा से हो गया।
कटारिया ने जब लोढा के नेतृत्व में आपदा राहत मंत्री रोहुआ चलो का बैनर हाथ में लिए कांग्रेस पदाधिकारियों और नेताओं से मिलने पहुंचे तो लोढा ने उन्हें सिरोही में आपदा के हालातों से अवगत करवाते हुए रोहुआ चलने का अनुरोध किया।
इस दौरान रोहुआ के सरपंच रमेशकुमार ने उन्हें ज्ञापन देकर बताया कि रोहुआ गांव के दो से ढाई किलोमीटर लम्बाई और चैडाई में पानी भरा हुआ है, लेकिन कोई नेता वहां नहीं पहुंचा। वहां की आधारभूत सुविधाएं अब भी ध्वस्त है।
गुलाबचंद कटारिया के सिरोही कलक्टर पहुंचने से पहले प्रशासन और कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा भी हुआ। पूर्ववत प्रशासन की इच्छा थी कि कोई भी कांग्रेसी कलक्टरी परिसर के गेट नम्बर दो के अंदर नहीं घुसने पाए। प्रशासन ऐसा नहीं कर पाया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया और लोढा के नेतृत्व कांग्रेसी दोनों दरवाजों को पार करके कलक्टर के कार्यालय के ठीक बाहर आ गए। यह देखकर भारी पुलिस बल के साथ वज्र वाहन और आरएसी को भी बुलवा लिया गया।
पुलिस ने कलक्टर कार्यालय के बाहर ही कांग्रेसियों की घेराबंदी कर ली, जिससे कोई भी कटारिया तक पहुंच नहीं सके। गुलाबचंद कटारिया कलक्टरी परिसर में पहुंचे तो पुलिस ने घेराव जारी रखा और कांग्रेसजन भी संयमित रहे।
गार्ड आॅफ आॅनर लेने के बाद पुलिस अधीक्षक उन्हें मीटिंग कक्ष में जाने का कहने लगे तो उन्होंने पहले कलक्टरी परिसर में खडे कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मिलने को कहा। कटारिया को लोढा ने बताया कि जिले की रेवदर तहसील का रोहुआ गांव अब भी पानी से घिरा हुआ है।
लोढा ने बताया कि जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप से जब उनकी फोन पर बात हुई तो मंत्री ने कहा कि प्रशासन ने कोई जानकारी नही दी और अब आपको भी जानकारी नही है। इस पर कटारिया ने लोढा से कहा कि वे उन्हे कल दोपहर में फोन पर अपना रोहुआ का कार्यक्रम बताएंगे।
केबिनेट की बैठक 16 अगस्त को हुई तो वे 17 या 18 अगस्त को रोहुआ आयेंगे और नही हुई तो 16 अगस्त को ही रोहुआ आयेंगे। लोढा के साथ ग्राम पंचायत रोहुआ के सरपंच रमेश मेघवाल, पंचायत समिति सदस्य सुरताराम देवासी ने रोहुआ के बाढ पीडितो से मिलने के लिये लिखित पत्र दिया।
लोढा ने उन्हें बताया कि शिवगंज तहसील के लोटीवाडा गांव में बाढ के पानी में फंसने के कारण बीमार चुन्नीलाल भील नाम युवक चिकित्सालय नहीं पहुंच सका। पानी उतरने पर जब उसे वहां ले जाया गया तो रास्ते में ही उसने दम तोड दिया। लोढा ने उसके बुजुुर्ग मां-बाप को राहत दिलवाने की मांग की।
लोढा के साथ प्रधान जीवाराम आर्य, प्रदेष सचिव गुमानसिंह देवडा, ब्लाॅक अध्यक्ष रेवदर भेरूलाल भाटी, पिण्डवाडा राकेष रावल, इंटक जिलाध्यक्ष इन्दरसिंह देवडा, विनोद देवडा, बाबुखान, महिला अध्यक्ष हेमलता षर्मा, अल्पसंख्यक के मारूफ हुसैन, पूरण कंवर, उपप्रधान मोटाराम देवासी, नेनाराम माली, गोपीलाल मेघवाल, वजींगराम घांची, कांतिलाल हिरागर, सुरेषसिंह राव, कुषल देवडा, राजेन्द्रसिंह जाखोडा, मोतीसिंह देवडा, महावीरसिंह, फजल मोहम्मद, किषोर बाफना, हडवंतसिंह देवडा, प्रतापसिंह नून, निंबाराम गरासिया, कांतिलाल हीरागर, ईष्वरसिंह डाबी, जितेन्द्र सिंघी, पिंकी रावल, अब्बास अली, संजय गर्ग, साजिद अली, तेजाराम मेघवाल, केवाराम मेघवाल, हमीद कुरैषी, मुजफर बेग, प्रवीणसिंह, गोविन्दसिंह, अजरूदीन, मफतलाल बुनकर, सिराज मेमन, हबीब षेख, जितेन्द्र ऐरन, प्रकाषराज मीणा सहित सैकडो कांग्रेसी मौजूद थे।
कांग्रेस ले सौंपा ज्ञापन, बताए आपदा के ये हालात
कांग्रेस ने आपदा राहत मंत्री से बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का नए सिरे से सर्वे कराने का आग्रह किया। राजस्व कार्मिकों के ज्यादातर बद रिक्त होने से पूरा सर्वे नहीं किया जा सका। कांग्रेस ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में पषुओं की मौत हुई है, लेकिन मुआवजे के लिए तीन पषु की सीमा निर्धारित करने से पीड़ितों को भारी हानि उठानी पड़ रही है। पोस्टमार्टम की अनिवार्यता करने से जिन पीड़ितों के पषु जमींदोज हो गए है उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
जिन किसानों की भूमि का कटाव हुआ है उन्हें पचास हजार प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाए, जिनके कुएं धराशायी हुए है उन्हें 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इसका अभी तक सर्वे करने का निर्देश भी नहीं दिया गया है।
आपदा प्रबंधन की प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह की पूर्व तैयारी नहीं की गई थी, इसकी वजह से भारी जानमाल का नुकसान हुआ। प्रशासन मुस्तैद नहीं था। लोग कई दिन फंसे रहे।
लोटीवाड़ा के चुन्नीलाल भील को बहते पानी के कारण दो दिन अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और पानी कम पड़ने पर जब उसे कैलाशनगर ले जा रहे थे, उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। इसी तरह भारी बहाव का खतरा चिन्हित किया जाता तो रपटो पर बहे गए एक दर्जन लोगों को जिन्दगी नहीं गवानी पड़ती।
फाॅर वाटर कास्टेप में बनाए गए एमआई टैंक के निर्माण में भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार हुआ। इसी तरह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन में भी भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही एनीकट, एमआई टैंक व अन्य निर्माण कार्य धराशायी हो गए, जिससे किसान बर्बाद हो गया। इसकी आयोग बनाकर जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनेक कार्य भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही धराशायी हो गए। जावाल के पुल के घटिया निर्माण में आम जनता के बीच सिरोही जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कार्यवाही करने की घोशणा की थी, लेकिन मिलीभगत के चलते बीस दिन बाद भी कुछ नहीं हुआ।
सिरोही जिले में किसानों की फसल का शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। अतः कृशि ऋण की राशि षत प्रतिषत उन्हें प्रति बीघा 5 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए। किसानों के आगामी छह माह के बिजली बिल माफ किए जाए।
कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सिरोही जिले की रोहुआ ग्राम पंचायत बाढ़ से विशेष प्रभावित है। अतः रोहुआ के समस्त कठिनाईयों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। रोहुआ गांव की घरेलु बिजली की लाइन पहाड़ के किनारे किनारे अलग से बिछाई जाए। कृशि, पशुपालन, सड़क, पेयजल, सहकारी ऋण सभी विभागों के लिए अलग से प्रस्ताव लेकर रोहुआ पैकेज घोषित किया जाए।