जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बढ़ी हुई बिजली दरों को वापस लेने और ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
विपक्ष के सदस्य तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे और प्रश्नकाल शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री भी विपक्ष पर जमकर बरसे।
करीब आठ- दस मिनट तक चली तीखी नोकझोंक और आरोप प्रत्यारोप के बीच विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन की कार्यवाही 6 अप्रेल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस विधायक हाथों में तख्तियां लहराते हुए बढ़ी हुई बिजली दरों को वापस लेने की मांग करने लगे।
इनका कहना था कि प्रदेश में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है ऐसे में सरकार को बढ़ी हुई दरें तत्काल वापस लेना चाहिए। विपक्ष ने बारिश और ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को मुआवजा नहीं बांटने का आरोप भी लगाया।
सदन में कांग्रेस के विरोध पर भाजपा विधायक और मंत्री भी चुप नहीं रहे। उन्होंने बढ़ी हुई बिजली दरों के पीछे कांग्रेस को जिम्मेंदार ठहराया। संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया समेत कई मंत्री अपने अपने स्थान पर खड़े हो गए और प्रतिपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी जमकर हो हल्ला किया।
गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कार्य सलाहकार समिति में जो तय हुआ था, कांग्रेस उससे भटक रही है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों पर सदन में मंगलवार को चर्चा हुई, प्रतिपक्ष के सदस्य अपनी बात ठोस तर्क के साथ कह सकते थे। लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रतिपक्ष ऐसा नहीं करना चाहता।
भाजपा- कांग्रेस ने लगाए एक दूसरे पर आरोप
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के पीछे कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने विपक्ष पर विधानसभा को कलंकित करने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने सरकार को किसानों विरोधी बताते हुए षड़यंत्र पूर्वक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने की बात कही।
संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने विधानसभा में हुए हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने प्रतिपक्ष पर विधानसभा की समृद्ध परंपरा, नियम और प्रक्रिया को भंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष ने विधानसभा को कलंकित किया है।
उन्होंने कहा कि टूकड़ो में बटी कांग्रेस अन्तर्कलह से ग्रसित है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी पर भी मौखिक हमला बोला। कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष की भूमिका ठीक ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं, उन्हें संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं का ज्ञान नहीं है। इसलिए विपक्ष एक भी विषय पर कोई सारगर्भित बात सदन में नहीं रख पाया। कांग्रेस सरकार ने बिजली कंपनियों को 75 हजार करोड़ रूपए के कर्जे में डूबो रखा है। इनके कुकर्मो का परिणाम ही आज प्रदेश की जनता को भोगना पड़ रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस अपनी जिम्मेंदारियों से भागने का प्रयास कर रही है। इसलिए चर्चा में भाग नहीं लेना चाहती। विपक्ष केवल घडि़याली आंसू बहाना चाहता है।
कांग्रेस विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करने के पीछे भाजपा का षड़यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि पीछले डेढ़ साल से भाजपा सरकार किसानों के विरोध में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार न तो बिजली की बढ़ी दरे वापस ले रही है और न ही उन्हें मुआवजा दे रही है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने कहा कि सदन की नेता कभी जापान तो कभी सिंगापुर की यात्रा कर रही है। उनके पास किसानों की बात सुनने के लिए समय ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संसदीय परंपरा को तोड़ने का काम किया है। किसानों की आवाज सदन में नहीं उठे इसलिए भाजपा ने षड़यंत्र रचकर विधानसभा की कार्यवाही 6 अप्रेल तक के लिए स्थगित करा दी। प्रतिपक्ष को दबाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को ऋण जमा कराने की अंतिम तारीख 31 मार्च थी। लेकिन सरकार ने यह अवधि 31 मार्च को शाम पांच बढ़ाई तब तक पीडि़त किसान कर्जा लेकर बैंको के ऋण का चुकारा कर चुके थे।
डोटासरा ने कहा कि हम किसान विरोधी सरकार का सदन के बाहर और अंदर विरोध करते रहेंगे।