गांधीनगर। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद और गुजरात चुनाव के परिणाम आने के बाद राहुल गांधी अपने पहले गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने सोमनाथ मंदिर में दर्शन किए और वहां पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने पार्टी नेताओं से मुलाकात की।
राहुल सुबह सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गए और वहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। उन्होंने भगवान सोमनाथ को मंदिर का झंडा भी समर्पित किया। इस बार उन्होंने समय की कमी की वजह से मंदिर रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं किए।
इससे पहले उनके यहां आने के बाद तब विवाद खड़ा हो गया था, जब मंदिर रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर हिंदुओं के कॉलम से अलग पाए गए थे। इसके बाद भाजपा ने इस मुद्दे पर राहुल को घेरने की कोशिश की थी।
इसके बाद राहुल अहमदाबाद में उत्तर गुजरात के कांग्रेस नेताओं से मिले और साथ में उन उम्मीदवारों से भी मुलाकात की, जिन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद पहली बार राहुल सभी उम्मीदवारों से एक-एक कर मिले।
पार्टी सूत्रों के अनुसार उत्तर गुजरात में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का कारण बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देना था, जिन्हें अल्पेश ठाकोर के कहने पर टिकट दिया गया था। ठाकोर चूंकि खुद के लिए प्रचार करने में व्यस्त थे, इसलिए इन उम्मीदवारों के लिए समय नहीं निकाल पाए।
राहुल ने इसी तरह की बैठक मध्य गुजरात के नेताओं से और उसके बाद सौराष्ट्र के नेताओं से और अंत में दक्षिण गुजरात के उम्मीदवारों और नेताओं से मुलाकात की। बैठकों में सिर्फ मौजूदा विधानसभा चुनाव पर ही नहीं, बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
राहुल शाम को पूरे गुजरात कांग्रेस के नेताओं को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में संबोधित करेंगे। राहुल ने कांग्रेस के बागी नेता भूपेनरा सिंह कांत से भी मुलाकात की।
पार्टी ने इन्हें मोरवा हदाफ विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया था और उन्होंने यहां स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की है। पार्टी में इनके शामिल होने के बाद गुजरात विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है।