भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी, मूंग दाल की समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रखने और अन्य समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया, जिस कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस विधायकों के बहिर्गमन के बाद वित्तमंत्री अनुपूरक बजट पेश किया। इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस की ओर से किसानों के मुद्दे उठाए गए। कांग्रेस और सत्तापक्ष के विधायकों में तीखी नोकझोंक हुई।
साथ ही कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी की, और इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी (वेल) के सामने पहुंचकर किसानों की कर्जमाफी के नारे लगाए। हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने कार्यवाही को दो बार स्थगित कर दी।
उधर, कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर भी नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद तीसरी बार शुरू होने पर भी कांग्रेस का हंगामा जारी रहा। कांग्रेस विधायक वेल में जाकर नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस के विधायक किसानों के लिए कर्जमाफी की मांग लगातार करते रहे, लेकिन राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने साफ कर दिया कि किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा, यह बात मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं। मंत्री के बयान के बाद भी कांग्रेस का हंगामा जारी रहा। अंत में कांग्रेस विधायक विधानसभा से बहिर्गमन कर गए।
कांग्रेस विधायकों के बहिर्गमन के बाद वित्तमंत्री जयंत मलैया ने अनुपूरक बजट सदन में पेश किया, जिस पर 21 जुलाई को चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने तमाम प्रस्ताव आदि को पारित किए जाने के साथ ध्यानाकर्षण व अन्य शासकीय कार्य होने के बाद दोपहर दो बजे कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि सरकार कहती कुछ है और होता कुछ है। कांग्रेस की मांग है कि किसानों का कर्ज हर हाल में माफ किया जाए, साथ ही मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहे।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मूंग व उड़द दाल की समर्थन मूल्य पर खरीदी 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई करने की घोषणा की थी। कांग्रेस का आरोप है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी खरीदी नहीं हो रही है।
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद को किसान हितैषी बताते हैं, मगर वास्तव में वह किसान विरोधी हैं। यह बात प्याज खरीदी से जाहिर हो गई है। सरकार ने एक लाख टन प्याज खरीदने का फैसला लिया था, मगर अब तक आठ लाख टन प्याज खरीदी जा चुकी है। मंडियों में प्याज इन किसानों की नहीं, प्रदेश के बाहर के व्यापारियों की है। किसानों के साथ तो धोखा हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में सरकार ने आठ रुपये किलो की दर पर प्याज खरीदी का ऐलान किया, बड़े पैमाने पर खरीदी भी हुई, मगर इसका लाभ किसानों को न मिलकर कारोबारियों और अधिकारियों को हुआ है। अधिकारी दलालों के जरिए लाखों रुपए रिश्वत से कमा रहे हैं, इस बात का खुलासा एक निजी समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से हुआ है।
जवाब में भाजपा के विधायक रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदसौर गोलीकांड में कांग्रेस जब खुद को घिरा पाने लगी, तो उसने विधानसभा में हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों को लग रहा था कि वे अपने क्षेत्र में जाएंगे, तो जनता को क्या जवाब देंगे। इसलिए उन्होंने विधानसभा में हंगामा किया।