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केन्द्र सरकार की पाक एजेन्सी को स्वीकृति देना अविवेकपूर्ण नीति : पायलट - Sabguru News
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केन्द्र सरकार की पाक एजेन्सी को स्वीकृति देना अविवेकपूर्ण नीति : पायलट

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केन्द्र सरकार की पाक एजेन्सी को स्वीकृति देना अविवेकपूर्ण नीति : पायलट
congress slam to modi govt over decision to allow pakistani joint investigatigan team
pathankot attack
congress slam to modi govt over decision to allow pakistani joint investigatigan team

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए भाजपा सरकार द्वारा पाकिस्तान एजेन्सी को स्वीकृति दिए जाने को भाजपा सरकार की अविवेकपूर्ण नीति करार दिया है।

पायलट ने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर जो आतंकवादी हमला हुआ था, उसके साक्ष्य स्पष्टत: प्रमाणित कर रहे है कि हमलावार पाकिस्तान से थे।

ऐसे में आईएसआई, जो अप्रत्यक्ष रूप से आतंवादियों को प्रश्रय देता है। उससे जुड़े हुए अधिकारी का पाकिस्तानी जांच एजेन्सी में होना स्वत: ही साबित कर रहा है कि इस गंभीर मामले में निर्णायक जांच के स्थान पर लीपापोती होगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा की कूटनीति पाकिस्तान को लेकर बेहद लचर है। भारत की जांच एजेन्सी, जिसे पाकिस्तान जाकर जांच करनी चाहिए थी, उसके स्थान पर पाकिस्तान की जांच एजेन्सी को संवेदनशील एयरबेस पर जाने की स्वीकृति देकर भाजपा सरकार ने विवेकहीनता का परिचय दिया है, वह भारत के कूटनीतिक इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान की भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध है।

पायलट ने कहा कि पूर्व में भी पाकिस्तान के साथ चाहे एन.एस.एस. की वार्ता हो या विदेश मंत्री या प्रधानमंत्री स्तरीय वार्ता हो, सभी विदेशी धरती पर आयोजित की गई है जो भााजपा सरकार की कूटनीति सोच की अपरिपक्वता को दर्शाता है।

गहलोत ने कहा कि 26/11 के दोषियों के सबूत भी पाकिस्तान को दिए गए थे, लेकिन आज भी मुख्य दोषी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तानी जांच एजेन्सी से कोई उम्मीद रखना अपने आपको भ्रम में रखने जैसा है।

उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि जब भारत पाकिस्तान को सारे सबूत दे चुका है तब फिर पाकिस्तान की जांच एजेन्सी कौन से सबूत एकत्रित करने आई है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जांच एजेन्सी अपने ही मुल्क के हमलावारों के अपराध पर मुहर लगाएगी ऐसा सोचना भी बेमानी है। इतिहास गवाह है कि अनेकों हमलों में पाकिस्तान का हाथ साबित होने के पुख्ता सबूत मिलने के बावजूद भी पाकिस्तान ने कभी भी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर आंतकवादी घटनाओं की जिम्मेदारी तक स्वीकार नहीं की। भाजपा सरकार का यह कदम भारत के कूटनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी विफलता है।