नई दिल्ली। मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा में अरुणाचल के सियासी संकट के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। पहले उत्तराखंड फिर अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने पर कांग्रेस और भाजपा के आपस में भिड़ गई।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ हुआ वह असंवैधानिक है। केंद्र सरकार ने गलत तरीके से सरकार गिराने की कोशिश की। संविधान की हत्या हो रही है।
सरकार का बचाव करते हुए गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि चुनी हुई सरकारों को गिराना इस सरकार की आदत हो गई है। लेकिन वह यह साफ कर देना चाहते हैं कि सरकारों को अस्थिर करना, लोकप्रिय सरकारों को भंग करना अगर इस आजाद देश में किसी ने किया है तो वह कांग्रेस पार्टी है।
सिंह ने आक्रमक रूप अपनाते हुए कहा कि आजादी के बाद से 105 बार लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने का काम कांग्रेस ने किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसे मैं दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं और यह मानता हूं कि ताकतवर लोकतंत्र का यही तकाजा है कि किसी की सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहिए। लेकिन इन दोनों राज्यों में उत्पन्न हुई अस्थिरता के पीछे कांग्रेस के आंतरिक संकट जिम्मेदार है।
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में नौ विधायकों ने विधानसभा में खड़े होकर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत की। जबकि अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह टूट गई और उसके बाद दो तिहाई सदस्यों ने अलग होकर सरकार बनाई है।
इस पूरी प्रकिया में भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आपकी नाव में छेद हो और अगर आप उसी नाव को पानी में उतारते हो तो नाव का डूबना तय है। इसके लिए पानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने जमकर कर हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर गए।