नई दिल्ली। देश के शेयर बाजरों में पिछले सात सालों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। गिरावट को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि आखिर सरकार कर क्या रही है ? कहां गए जनता के अच्छे दिन ? या फिर यह भी लोकसभा चुनाव में एक जुमला ही था ?
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रूपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 78 रूपये थी I उस समय भाजपा आरोप लगाती थी कि रूपया वित्तमंत्री की उमर के बराबर हैं। लेकिन अब भाजपा सरकार में रूपये की कीमत वित्तमंत्री ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री और उससे आगे बढ़कर आडवाणी जी की उम्र के बराबर पहुंचती जा रही है I
उन्होंने कहा कि यूपीए कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमत जब 118 रूपये प्रति बैरल पहुंच गयी थी, उस वक़्त बीजेपी शोर मचाती थी I पर अब कच्चा तेल 40 रूपये प्रति बैरल तक कम आ गया है, तो बीजेपी सरकार क्या कर रही है। देश के वित्तीय हालात ऐसे बन रहे हैं, जहा कॉरपॉरेट जगत खौफजदा है, सेंसेक्स और निफ्टी औंधे मुंह गिरे पड़े हैं और सुधरने की कोई स्थिति नजर नही आ रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बाजार में निवेश की बात करती थी, पर सरकार अब क्या कर रही है ? दावों के बावजूद किसी एक भी वस्तु के दाम कम नहीं हुए हैं। सरकार ने “घर की मुर्गी-दाल बराबर” की कहावत सच करके दिखा दी है क्योंकि दाल और चिकन के दाम आज बराबर हो गए हैं। सवाल यही हैं कि क्या इसी अच्छे दिन लाने की बात करती थी भाजपा? अब तो हालत यह हैं कि खुद भाजपा के नेता भी अब अच्छे दिन को जुमला बताने लगे हैं I
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता परिवर्तन के साथ अच्छे दिन आएंगे। लेकिन बढ़ती मंहगाई के बीच कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों द्वारा इस नारे को मुद्दा बनाए जाने पर केंद्र सरकार के मंत्री, इस बारे में बात करने में कतराने लगे हैं I केंद्र सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती है कि दुनिया भर के शेयर बाजरों की उथल-पुथल के बावजूद भारत की वित्तीय स्थिति बेहतर और स्थिर बनी रहे।