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up: congress veteran rita bahuguna joins bjp in presence of shah
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breaking: कांग्रेस का हाथ को छोड भाजपा के साथ हुई रीता बहुगुणा

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breaking: कांग्रेस का हाथ को छोड भाजपा के साथ हुई रीता बहुगुणा
rita bahuguna joshi joins bjp in presence of amit shah
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rita bahuguna joshi joins bjp in presence of amit shah

लखनउ। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गई हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी में शामिल किया।

भाजपा में शामिल होते ही उन्होंने राहुल गांधी पर सबसे पहले हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल का नेतृत्व से वह नाराज हैं। वह किसी की नहीं सुनते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में चुनाव एडवाइजर प्रशांत किशोर की कार्यप्रणाली भी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को रास नहीं आ रही है। उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व को सराहा और कहा कि वह सबकी सुनती थीं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री के कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल होने के कयास कई दिनों से लगाए जा रहे थे, जिनका खण्डन उनके भाई करते रहे, लेकिन गुरुवार को अमित शाह की मौजूदगी में रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा में शामिल होने के बाद इस कयास को आयाम मिल गया है। रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान में कांग्रेस से लखनउ केंट की विधायक हैं।

67 वर्षीय नेत्री ने कहा कि वही नहीं पूरे देश में लोग राहुल गांधी के नेतृत्व से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में सर्जीकल स्ट्राइक के बाद राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसके सबूत मांगे जाने से वह क्रोधित थी और इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोडने का फैसला किया।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन इतिहास की प्रोफेसर रही रीता बहुगुणा जोशी के भाई उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बने थे। वह शीला दीक्षित को ब्राहमण चेहरे के रूप में कांग्रेस का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही खफा थीं। ब्राहमण और महिला होने के नाते वह भी स्वयं को इस पद के लिए योग्य मानती रही हैं। राज बब्बर को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने से भी वह स्वयं को हाशिये पर किया हुआ महसूस कर रही थी।

उनके भाई और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही वह उन्हें कांग्रेस में हाशिये पर लगाया हुआ महसूस करने लगी थी। विजय बहुगुणा ने हरीश रावत को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भाजपा का हाथ थाम लिया था। भाजपा संभवतः उन्हें कांग्रेस के शीला दीक्षित के जवाब में भाजपा का ब्राहमण चेहरे के रूप में भी पेश कर सकती है।