नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में बड़े बदलाव होंगे और ऐसे चेहरे दिखेंगे, जो लोगों को उत्साहित करेंगे।
राहुल ने पार्टी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद ‘नवजीवन’ को दिए अपने पहले साक्षात्कार में कहा कि हम देश को कांग्रेस का असली चेहरा दिखाना चाहते हैं। आने वाले दिनों में आप ऐसे लोगों को देखेंगे, जिन्हें देखकर आप उत्साहित हों, जिन्हें देखकर आप कह सकेंगे कि हां, देखो यह व्यक्ति आया है और मैं इसके साथ जुड़ना चाहता हूं। मैं भी ऐसे ही लोगों के साथ जुड़ना चाहता हूं, जो सभ्य हैं, सौम्य हैं और विचारों से मजबूत हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अभी काफी काम करना है। बहुत से ऐसे नए लोग हैं, जिन्हें हमें आगे लाना होगा। कांग्रेस में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हमें ऐसी प्रतिभाओं को सही जगह देनी है। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि कांग्रेस के खिलाफ एक सुनियोजित प्रचार अभियान चल रहा है, जिसका हमें डटकर मुकाबला करना है।
क्या राहुल गांधी पार्टी को ऊपर से नीचे तक बदलने वाले हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हां, दरअसल यह मेरी योजना नहीं है। यह कांग्रेस पार्टी की इच्छा है कि वह बदले, विकसित हो, मैं तो सिर्फ इसमें मदद करूंगा।
हमने युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में काफी काम किया है। हम पार्टी में ज्यादा से ज्यादा नए, युवा, उत्साहित करने वाले और ऊजार्वान लोगों को लाना चाहेंगे। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि पुराने और अनुभवी लोगों के लिए कोई जगह नहीं होगी।
लोगों में असुरक्षा और भय के माहौल का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज देश की मूल समस्या यह है कि हम देश के युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पा रहे हैं। इससे युवाओं में गुस्सा बढ़ रहा है।
पिछले तीन साल में भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स यानी जीएसटी ने हकीकत में देश की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है। छोटे और मझोले कारोबारों और उद्योगों पर टैक्स की भारी मार पड़ी है।
ऐसे में देश के लोगों में गुस्से की भावना भर गई है। इसके लिए बुनियादी काम करने पड़ेंगे। इससे पहले कि यह समस्या और गंभीर हो और लोगों का गुस्सा फूटना शुरू हो, इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा।
गुजरात में जातिवादी राजनीति के आरोप पर राहुल ने कहा कि हार्दिक एक पटेल हैं, जिग्नेश एक दलित हैं और अल्पेश एक ओबीसी। सभी समुदाय कांग्रेस के मंच पर एकजुट हुए हैं। ऐसे में आप हम पर जातीयता का आरोप कैसे लगा सकते हैं। ये सब हमारे मंच पर एक साथ हैं।
दूसरी तरफ, पटेल आपसे नाराज हैं, ओबीसी आपसे खफा हैं और दलितों को आप पर गुस्सा है और आप कहते हैं कि आप यह चुनाव ओबीसी मुद्दे पर लड़ेंगे। फिर भी हमारे बारे में कहते हैं कि हम समाज को बांट रहे हैं। यह तो बहुत ही ताज्जुब की बात है।