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congress will splodge sirohi bjp board in monsoon session of vidhansabha
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खसरा संख्या 1218 में विधानसभा में भी घिरेगा सिरोही भाजपा बोर्ड

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खसरा संख्या 1218 में विधानसभा में भी घिरेगा सिरोही भाजपा बोर्ड
khasra number 1026 and 1221 situeted on the both end of this road
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सबगुरु न्यूज(परीक्षित मिश्रा)-सिरोही। नगर परिषद की सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने वाला सिरोही नगर परिषद का भाजपा बोर्ड विधानसभा में भी घिरेगा। इसके खसरा संख्या 1218 समेत उन समस्त सरकारी जमीनों के लिए राज्य सरकार से कांग्रेस ने विधानसभा में जवाब मांगा है, जिन्हें भाजपा बोर्ड में मामूली दामों में खुर्द-बुर्द कर दिया गया है।

कांग्रेस ने अपने शासनकाल में संभवतः एकाध जनहित नेक होगा तो उसमें यहां कि सरकारी जमीनों को भू-माफिया से मुक्त करवाना रहा होगा, लेकिन भाजपा बोर्ड ने यहां पर काबिज होते ही सबसे पहला काम जनता की जमीनों को औने-पौने दामों में लुटाना शुरू कर दिया। इसमें भाजपा के कई नेता लाभांवित भी हुए।
-तहसीलदार के स्थानांतरण का आरोप भी
इस खसरा संख्या 1218 समेत कई जमीनों पर दिए पट्टों को खारिज करते हुए सिरोही के तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी ने पूरी कई सरकारी जमीनों से अतिक्रमियों को बेदखल करने के आदेश दिए थे। इस मामले में अतिक्रमियों को राजस्व बोर्ड से भी राहत नहीं मिली थी। आप पढ रहे है सबगुरु न्यूज। इसमें भाजपा के कई नेताओं के निकटतम रिश्तेदार प्रभावित हो रहे थे।

इसके बाद भाजपाइयों ने तहसीलदार के कार्यालय में पहुंचकर बहसबाजी भी की थी। भाजपाइयों के हितों को कुठाराघात पहुंचने पर ही तत्कालीन तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी के स्थानांतरण करने का आरोप कांग्रेस भाजपा पर लगाती रही है। उनके जाने के बाद राजस्व बोर्ड के निर्देशानुसार इस प्रकरण को वर्तमान तहसीलदार को सुनना था, लेकिन इनके कार्यकाल में पूर्व तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भाटी के सरकारी जमीनों को अतिक्रमियों को मुक्त करवाने सभी मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

-पूछा किस आधार पर केस लिए वापस
इस प्रकरण में कांग्रेस के कार्यकाल में जब अतिक्रमण हटाया गया था, उस समय से स्थानीय न्यायालय में इसका वाद चल रहा था। कथित रूप से भाजपा शासन में पूर्व आयुक्त व सभापति की ओर से इस खसरे में पट्टा जारी करने से पहले इनके केस कोर्ट से विड्रा किए जाने की जानकारी सामने आई है। कांग्रेस विधायक भजनलाल जाटव ने स्वायत्त शासन मंत्री से पूछा है कि आखिर किस आधार पर उन्होंने इस मामले में केस को विड्राॅ किया था।

उन्होंने 1 जनवरी 2014 ये 31 जुलाई, 2016 तक सिरोही नगर परिषद की ओर से सरकारी भूमियों के नियमन की समस्त जानकारी भी मांगी है। यह सूचनाएं मिलने के बाद सिरोही नगर परिषद के द्वारा आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं नहीं देने की हठधर्मिता नहीं चल पाएगी। आप पढ रहे हैं सबगुरु न्यूज। इन दस्तावेजों के आने के बाद न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से सिरोही नगर परिषद की ओर से सरकारी भूमियों को खुर्द-बुर्द करने के मामलों को चुनौति दी जा सकती है। आबूरोड नगर पालिका क्षेत्र की तरह यहां भी अवैध पट्टे धारकों को न्यायालय में भी मुंह की खानी पड सकती है।
-घिरेगी एसीबी भी
इस प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी घिरेगा। इस मामले समेत सीसीटीवी कैमरा और अन्य प्रकरण एसीबी के पास हैं। कई दिनों से खसरा संख्या 1218 में एफआईआर दर्ज करने के लिए जयपुर भेजी गई है जो दर्ज नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार इस एफआईआर को प्रभावित करने के लिए भी कुछ लोग जयपुर तक जाकर आए थे, लेकिन वहां उन्हें टका सा जवाब मिला।

सिरोही नगर परिषद के एंटी करप्शन विभाग में दर्ज समस्त प्रकरणों के संबंध में कार्रवाई और उनकी प्रगति की जानकारी गृह मंत्री से कांग्रेस विधायक घनश्याम महर ने मांगी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खसरा संख्या 1218, सिरोही नगर परिषद की ओर से जारी पट्टे के संबंध में स्वायत्त शासन मंत्री को तथा सीसीटीवी व 1218 समेत अन्य प्रकरणों में गृहमंत्री के जवाब 7 जनवरी को ही सदन में पेश किए जाएंगे।