बरेली। उत्तर पद्रेश में पुलिस का एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बारे में जानकर आपनी रूह कांप जाएगी। पुलिस के पास बाल श्रम रोकने के साथ ही बच्चों को पीडि़त होने से बचाने की जिम्मेदारी होती है लेकिन बरेली में पुलिसकर्मी के घर में इन सब का उल्लंघन हो रहा है।
कप टूटने पर चिमटे से दागा
बरेली में अच्छी गुजर बसर करने का सपना लेकर घर से दूर आई मजदूर की नौ वर्ष की बेटी पर सिपाही की पत्नी कहर बनकर टूटी। सिर्फ एक कप टूटने के कारण मासूम बच्ची के शरीर को जगह-जगह गर्म चिमटा से दागा। उस मासूम की गलती सिर्फ इतनी थी कि घर में काम करते समय उसके हाथ से कप टूट गया था। इसके बाद तो सिपाही की पत्नी अमानवीयता की हदें पार कर दी और पति सबकुछ देखता रहा। कानून की रक्षा करने वाला खुद कानून का उल्लंघन करते हुए देखता रहा।
नईम के घर से दोपहर ढाई बजे चीखने व चिल्लाने की आवाज आने लगी तो सुखा की बेटी ने जाकर देखा। वहां नईम की पत्नी शबाना उस मासूम बच्ची को पीट रही थी। सूखा की बेटी शबाना से बचाकर बेटी को अपने घर पर लेकर आई। सूचना पर शाम को बच्ची के माता-पिता भी पहुंच गए।
बच्ची के साथ अमानवीय बर्ताव की जानकारी होने पर बच्ची का पिता पहुंचा, उसके हाल देख सिहर गया। उसने एसडीएम को सिपाही व उसकी पत्नी की करतूत बताई मगर बाद में वर्दी वाले उसे बचाने की जुगत में लग गए। पंचायत बैठा दी, पीडि़त पक्ष पर समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। शाम को उसके और उसकी पत्नी के खिलाफ मारपीट व पाक्सो में मुकदमा दर्ज किया गया। देर रात एसएसपी ने सिपाही को निलंबित कर दिया।
बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाने पर तैनात सिपाही नईम शहर के मीरगंज के अफसरयान मुहल्ला में रहता है। नईम के पड़ोसी सुखा की ससुराल भेसोड़ी गांव मिलक में हैं। मासूम इसी गांव की रहने वाली है, जिसका पिता मजदूर है। सुखा ने नईम की उससे मुलाकात कराई। नईम ने वहां मजदूर की बच्ची को देखा तो कहा कि अब इसकी पढ़ाई और पालने की जिम्मेदारी मैं लूंगा। छह बच्चों के मजदूर पिता को लगा कि बेटी की जिंदगी संवर जाएगी, इसलिए उसने बच्ची को नईम के साथ भेज दिया।
सिपाही दंपती पर मामला दर्ज
एसपी देहात यमुना प्रसाद ने बताया बच्ची की मां की शिकायत पर आरोपी दंपती पर मारपीट और पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही निलंबित कर दिया गया है।
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