नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) (ग्रामीण) के तहत राज्य सरकारों के सहयोग से मार्च, 2018 तक 51 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत तकनीकी संस्थानों द्वारा परखे गए डिजाइन, स्थानीय सामान और प्रशिक्षित राजमिस्त्री द्वारा लगभग 1.5 लाख रुपए की लागत से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले भवन का निर्माण किया जा रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय से जारी सूचना के अनुसार राज्य सरकारों के सहयोग से मार्च, 2018 तक 51 लाख पीएमएवाई (ग्रामीण) आवासों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में 33 लाख से अधिक आवासों का निर्माण विभिन्न चरणों में और शेष 18 लाख अनुमति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ होने की प्रक्रिया में है।
एक आवास के निर्माण में औसतन कार्य शुरू होने के बाद चार से आठ माह का समय लग रहा है, जबकि इससे पूर्व इसमें एक से तीन वर्ष का समय लगता था।
सूचना के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 55 हजार आवासों का निर्माण हो चुका है और लगभग 10 लाख निर्माण के अग्रिम स्तर पर हैं।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बगांल, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड ने इस संबंध में बेहतर कार्य किया है, जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और असम से निर्माण की गति बढाने का अनुरोध किया गया है।
यह आवास निराश्रय या एक या दो कच्चे कमरे वाले घर और कच्ची छत और कच्ची दीवारों वाले घर में रहने वाले लाभकर्ताओं को आवंटित किए जाएंगे। इस योजना के अंर्तगत लाभार्थियों का चयन ध्यानपूर्वक किया गया है।
आवासॉफ्ट एमआईएस प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का पूर्ण रूप से नियंत्रण कर रहा है। इसमें बजट आवंटन और निर्माण के हर स्तर पर आवासों की जियो टेगिंग सम्मिलित है।
ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ, झारखंड और मध्य प्रदेश में प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि साल 2018-19 तक भी 51 लाख आवासों का निर्माण करने की उम्मीद है।