नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अदालत की अवमानना मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या के पेश नहीं होने के कारण इस मामले में दी जाने वाली सजा पर सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत के नोटिस के बावजूद माल्या अदालत में हाजिर नहीं हुए। अब अदालत इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगी।
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के समूह ने अपने 9,000 करोड़ रुपए के फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए माल्या के खिलाफ अदालत में मामला दायर किया हुआ है। यह कर्ज माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था, जो अब बंद हो चुकी है।
शीर्ष अदालत ने 9 मई को माल्या को जानकारी को दबाने तथा अदालत को गलत जानकारी देने के लिए अवमानना का दोषी पाया था और सजा की अवधि पर उसका पक्ष जानने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था।
अदालत ने सजा की अवधि पर माल्या का पक्ष जानने के लिए उसे उपस्थित होने का निर्देश दिया था। माल्या ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में साल 2016 के 26 अप्रैल को की गई सुनवाई में कहा था कि अगर मैं आउंगा तो मुझे तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा। जब मेरी स्वतंत्रता दाव पर लगी हो तो आप कैसे मेरे लौटने की उम्मीद कर सकते हैं।
न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और न्यायाधीश उमेश ललित ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई को 14 जुलाई तक स्थगित कर दिया, क्योंकि माल्या की तरफ से अदालत में उपस्थित हुए वकील ने बताया कि इस संबंध में माल्या की तरफ से उन्हें कोई भी निर्देश नहीं मिला है।