आगरा/लखनऊ/नई दिल्ली। यूपी के आगरा में सोमवार को 57 मुस्लिम परिवारों के करीब 250 सदस्यों को हिंदू बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का आरोप है कि उन्हें बीपीएल कार्ड बनवाने और जमीन देने का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया। पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर वह कार्रवाई करेगी। विपक्षी नेता मायावती, के.रहमान खान व शरद यादव ने इस घटना की निंदा की है।
आगरा के देवी रोड इलाके में सोमवार को धर्मातरण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म जागरण समन्वय विभाग और बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को “पुरखों की घर वापसी” का नाम दिया गया था।
इस कार्यक्रम में जबरन धर्मातरण की शिकार महिला मुनीरा ने बताया कि बीपीएल कार्ड बनवाने और जमीन का एक-एक प्लॉट देने का लालच देकर कहा गया कि “चलो, सिर्फ फोटो खिंचवाना है।”
मुनीरा ने एक समाचार चैनल से कहा कि हमें जहां लाया गया, वहां हवन चल रहा था। हमें हवन-कुंड के पास बैठाया गया। हम लोग डर गए थे। हमें काली माता की मूर्ति के सामने ले जाया गया और पूजा करने को कहा गया। डर के मारे हमने वैसा ही किया, लेकिन आज हम लोग फिर कुरान शरीफ पढ़ रहे हैं और परिवार के लोगों ने नमाज भी अदा की। आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि इस घटना के संदर्भ में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। शिकायत आने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
बजरंग दल ने हालांकि अपने ऊपर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ब्रज प्रांत के सह प्रांत संयोजक अज्जू चौहान का कहना है कि यह धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि 57 परिवारों के लोगों की घर वापसी हुई है। हिंदू धर्म अपनाने वाले ये लोग काफी गरीब तबके से आते हैं। उन्हें बरगलाया जा रहा है। वे डरे और सहमे हुए हैं। उनको किसी भी तरह का लालच नहीं दिया गया था।
बजरंग दल के अन्य सदस्यों का कहना है कि ये वे लोग हैं, जिन्हें वर्षो पहले लालच देकर मुस्लिम बनने पर मजबूर किया गया था। जिन लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया है, वे सभी वाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखते हैं।
इस घटना पर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि धर्मातरण मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और एक बार तथ्य सामने आ जाने के बाद इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजेपयी ने कहा कि यदि जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है तो गलत है। लेकिन यदि किसी ने स्वेच्छा से धर्म बदला है तो इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
उधर, नई दिल्ली में संसद के बाहर कांग्रेस नेता के. रहमान खान ने कहा कि धर्म में हस्तक्षेप संविधान का उल्लंघन है और सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। इस तरह का जबर्दस्ती धर्म परिर्वतन संविधान सम्मत नहीं है और धर्म की आजादी में किसी तरह का हस्तक्षेप संविधान का उल्लंघन है। सरकार को जबर्दस्ती हो रहे धर्म परिवर्तन पर नजर रखनी चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया कि इस कदम के पीछे सांप्रदायिक ताकतें हैं। उनकी पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। धर्म परिवर्तन का ये जो मामला चल रहा है, उत्तर प्रदेश हो या देश का कोई अन्य राज्य, इसमें हमें सांप्रदायिक ताकतों का हाथ नजर आता है और ये ठीक नहीं हो रहा है। इससे हमारी पार्टी बिल्कुल सहमत नहीं है।
जदयू के नेता शरद यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। यह बहुत दुखद और चिंता का विषय है।
इस बीच आरएसएस के एक नेता ने कहा कि उनके संगठन का धर्मातरण अभियान जारीरहेगा। हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म अपनाने वाले और भी लोगों को वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संगठन को उम्मीद है कि आने वाले क्रिसमस के मौके पर अलीगढ़ में 5000 हजार से ज्यादा मुस्लिम और ईसाई दोबारा हिंदू धर्म अपना लेंगे। इसके लिए अलीगढ़ के महेश्वरी कॉलेज में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देश की बदली हुई सत्ता और राजनीतिक परिदृश्य को अपने अनुकूल पाकर आरएसएस और बजरंग दल अपना “धर्म” निभाने में पूरे मनोयोग से जुट गए हैं और उधर केंद्र सरकार “सबका साथ, सबका विकास” की बात कर रही है।