शाहजहांपुर। नाबालिग शिष्या के यौन उत्पीडन के आरोप में जेल में बन्द आसाराम बापू की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं क्योंकि पीडिता का फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र में उम्र बढ़ाने वाले प्रधानाचार्य को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
नगर के विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य सन्त कृपाल ने आसाराम बापू पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाने वाली पीडिता की उम्र फर्जी तरीके से बढ़ाकर प्रमाणपत्र में उसे बालिग दिखा दिया था। पीडिता ने इसे गलत बताते हुए चुनौती दी थी। जांच कराए जाने पर प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद सिंह यादव ने बताया कि सन्त कृपाल पब्लिक स्कूल चलाने के साथ साथ भारतीय जीवन बीमा निगम का एजेण्ट भी है। उसने लड़की का बीमा भी किया था और बीमा में भी जन्मतिथि बढ़ाकर 18 साल कर दी थी। व्यापक पैमाने पर जांच के बाद फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के आरोप में प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
माना जा रहा है कि लड़की की उम्र आसाराम बापू को मुकदमे में फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र में बढ़ाई गई थी हालांकि यादव ने इसपर खुलकर कुछ नहीं कहा। पुलिस ने प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया।
शाहजहांपुर की रहने वाली 15 वर्षीय बालिका ने आरोप लगाया था कि आसाराम बापू ने जोधपुर में उसका यौन उत्पीडन किया था। उसका कहना था कि करीब 12 साल से उसका परिवार आसाराम बापू का अनुयायी था। अगस्त 2013 में वह अपनी मां के साथ जोधपुर स्थित आसारामबापू के आश्रम गई थी। दीक्षा के बहाने आसाराम उसे अन्दर ले गए और उसका यौन उत्पीडन किया।
इस दौरान उसकी मां को बरगलाकर कमरे के बाहर कर दिया गया था। इस सम्बन्ध में पीडिता के पिता ने 20 अगस्त 2013 को दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रारम्भिक तहकीकात के बाद मामला जोधपुर पुलिस को स्थानान्तरित कर दिया गया था। आसाराम बापू इस मामले में अभी भी जेल में हैं।