नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के संबंध में लगाए गए उन आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें विमान को फ्रांस से पहले के समझौते से ज्यादा कीमत देकर खरीदने की बात कही गई है।
सीतारमण ने कहा कि ये आरोप राजनीति प्रेरित और आधारहीन हैं। सीतारमण ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि आरोप राजनीति प्रेरित और आधारहीन हैं। सरकार ने राफेल विमान बेहतर शर्तो पर खरीदे हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के अनुमोदन के बाद 23 सितंबर, 2016 को अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और इसके लिए रक्षा खरीद प्रकिया का पालन किया गया।
इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में सीतारमण ने राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में कहा था कि मौजूदा 36 राफेल विमानों के वर्तमान समझौते को वास्तविक मध्यम बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान(एमएमआरसीए) की लागत से तुलना नहीं किया जा सकता, लेकिन मौजूदा समझौता बेहतर शर्तों पर हुआ है।
एमएमआरसीए प्रस्ताव 126 विमानों की खरीद के लिए था, जिसमें 18 विमानों को उड़ने की स्थिति(फ्लाई-अवे कंडीशन) में खरीदा जाना था और बाकी 108 विमानों को लाइसेंस के तहत भारत में विनिर्मित किया जाना था।
मौजूदा समझौते में, 36 राफेल लड़ाकू विमानों को फ्लाइ-अवे कंडीशन में खरीदा गया है।सीतारमण ने कहा कि लागत में कोई वृद्धि नहीं हुई है, एक सही कीमत सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमानों की कीमत की तुलना वास्तविक एमएमआरसीएस प्रस्ताव के अंतर्गत कीमत से नहीं की जा सकती, क्योंकि उत्पाद आपूर्ति की प्रक्रिया (डिलीवेरेबल्स) पूरी तरह अलग है।
36 लड़ाकू विमानों की खरीद में प्रोद्यौगिकी को हस्तांतरित नहीं किया गया है, 50 प्रतिशत ऑफसेट को बनाए रखा गया है। अंतर-सरकारी समझौते के अंतर्गत वितरण कार्यक्रम, रखरखाव व्यवस्था और उत्पाद समर्थन ज्यादा लाभकारी हैं।