पटना। शराबबंदी कानून को लेकर प्रदेश के मुखिया कितने चिंतित है इसकी बानगी आज देखने को मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी पुलिस अफसर और अधिकारी शराबबंदी कानून को सख्ती से लेने में ना-नुकर कर रहे हैं वे नौकरी छोड़ सकते हैं।
राजधानी पटना के एसके मोमोरियल में आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की ओर से धमकी दी जा रही है कि थाना प्रभारी नहीं रहना चाहते। अगर उनकी यहीं मंशा है तो मत रहिए थाना प्रभारी, लेकिन बिहार में बना ये कानून सख्त ही रहेगा।
नीतीश ने अपने अधिकारियों को दो टूक कहा कि मैंने ये कानून दिखावा मात्र के लिए नहीं बनाया है। इसका परिणाम भी सामने आए, इसके लिए किया है।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने उनको सरकार चलाने के लिए चुना है तो वो सरकार चलाएंगे और प्रशासनिक कर्मचारियों को शासन व्यवस्था ठीक करने के लिए नियुक्त किया गया है तो वे अपने कर्तव्य से पीछे क्यों हटेंगे?
राज्य में शराबबंदी लागू हो चुकी है ऐसे में इसमें किसी तरह की ढिलाई का सवाल ही नहीं उठता। पुलिस अधिकारियों को सीधा जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि जो थानेदार पद छोड़ना चाहते हैं वे स्वतंत्र हैं। वे चाहें तो नौकरी भी छोड़ सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर मुझसे या सरकार से किसी तरह की ढिलाई की उम्मीद नहीं करिए।
उन्होंने कहा कि काम नहीं कर सकते हैं तो मत रहिए थाना प्रभारी, लेकिन कानून तो कानून ही है, लागू होगा। कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने लोगों से कहा कि वो भी शराबबंदी कानून पर अपने सुझाव दे सकते हैं।
नीतीश ने कहा कि लोग शराबबंदी कानून के संबंध में मुझे सुझाव दें। लोगों के अच्छे सुझाव पर सरकार ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि कानून में तो संशोधन होता रहता है। यहां तो संविधान में 100 से अधिक बार संशोधन हो चुका है।