सबगुरु न्यूज-सिरोही। सोचिए सिर्फ बिल काटने के लिए जिस नगर पालिका के बाबू जहां बिल काटने के लिए ठेकेदार से 18 प्रतिशत तक रिश्वत मांग ले वहां भ्रष्टाचार का आलम क्या होगा यह कयास लगाना कोई मुश्किल नहीं होगा।
आरोप यह है कि यहां के बाबू काम के पचास प्रतिशत तक रिश्वत ले रहे हैं। सवाल यह भी है कि क्या इतनी राशि अकेला बाबू ही हजम कर रहा है या हस्ताक्षर आॅथोरिटी भी। कांग्रेस की बेईमानी के नाम पर सत्ता में आई भाजपा राज में यहां पर भ्रष्टाचार चरम पर है।
-टाॅय ट्रेन ताजा मामला
माउण्ट आबू में टाॅय ट्रेन का मामला कथित भ्रष्टाचार का ताजा मामला है। इसमें जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। खुद पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर और बोर्ड के सदस्यों ने ये माना है कि उन्होंने इस टाॅय ट्रेन को चलाने के लिए अनुमति नहीं दी थी। फिर आयुक्त ने किस आधार पर इसे चलाने की अनुमति मा़त्र 50 हजार रुपये सालाना की मामूली राशि में दे दी यह भी सवालों के घेरे में है।
अनुमति देने का काम आयुक्त है तो फिर पूरे बोर्ड की नाफरमानी करके इस काम को अंजाम देने वाला कार्यवाहक आयुक्त अब तक यहां पर टिका हुआ क्यों है, यह भी सभी बीस पार्षदों की नीयत पर सवाल खडा करता है। सभी पार्षदों ने एसीबी में बिना किसी को जिम्मेदार ठहराए हुए इस मामले की जांच के लिए पत्र तो लिखा, लेकिन नगर पालिका माउण्ट आबू में कार्यवाहक आयुक्त का पद संभाले व्यक्ति की ओर से इस काम को अंजाम देने पर भी पार्षद आयुक्त को यहां से हटाने के लिए कोई पत्र न तो सांसद को दिया न ही सरकार को।
इस अनियमितता के बाद भी वहां हस्तक्षेप रखने वाले भाजपा के सांसद, भाजपा नगर अध्यक्ष और खुद भाजपा पालिकाध्यक्ष की भाजपा को मलीन करने वाले इस काम में लिप्त अधिकारी को पोसना भी शक के दायरे से बाहर नहीं है। जबकि पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत किए गए ऐसे मामले में तो इन लोगों स्व प्रसंज्ञान लेते हुए कार्मिकों की रवानगी का आदेश ले आना चाहिए था।
-नेताओं की सरपरस्ती के बिना असंभव
माउण्ट आबू नगरप पालिका में बाबू और अधिकारी जिस तरह से भ्रष्टाचार का नाच कर रहे हैं, वह सत्ताधारी नेता के हस्तक्षेप के बिना असंभव है। यह हालात माउण्ट आबू नगर पालिका के तब हैं, जबकि स्थानीय सांसद का माउण्ट आबू नगर पालिका में जिले की शेष नगर निकायों से भी ज्यादा हस्तक्षेप रहता है।
-हाथों में हाथ लिए कांग्रेस भाजपा
सिरोही, आबूरोड, शिवगंज नगर पालिका के विपरीत यहां पर कांग्रेस भाजपा की गोद में बैठी ज्यादा नजर आती है। माउण्ट आबू नगर पालिका में कांग्रेस भाजपा को और जिले में भाजपा के आला नेताओं को बेहतर निशाना बना सकती है, लेकिन यहां पर वह भी भाजपा की गोद में जाकर बैठ गई है। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार की फसल उगाने में कार्मिकों को सबसे बेहतरीन माहौल मिल गया है।