नई दिल्ली। दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को 10 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू दिवंगत सुरेंद्र कुमार बंसल तथा लोक निर्माण विभाग के कुछ वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज कीं।
बंसल का रविवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। एसीबी एक नाला परियोजना व राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित शनि मंदिर से बकोली गांव के बीच फुटपाथ के सुधार के एक मामले की जांच कर रहा है, जिसमें बंसल का भी नाम आया है।
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एसीबी प्रमुख मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि बंसल व पीडब्ल्यूडी के कुछ अफसरों के खिलाफ तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। यह कदम यह पाए जाने के बाद उठाया गया कि अलग-अलग कंपनियों ने अलग-अलग कामों के लिए बिल क्लीयर किए हैं।
प्राथमिकी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं है। हालांकि, मामले में शिकायतकर्ता रोड एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन नामक स्वयंसेवी संगठन के राहुल शर्मा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने 10 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों को हासिल करने में अपने रिश्तेदार बंसल की मदद की थी।
मीणा ने कहा कि जांच के दौरान हमें मामले में केजरीवाल के शामिल होने के बारे में कुछ नहीं मिला। हमने वरिष्ठ पीडब्ल्यूडी अफसरों से पूछताछ की है। कुछ अफसरों से जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
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इस मामले की जांच पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने की थी। बाद में इसे एसीबी को सौंप दिया गया। मीणा ने बताया कि यह मामला 10 जनवरी को प्रकाश में आया था।
स्वयंसेवी संगठन के महासचिव विलव अवस्थी ने कहा कि बंसल 10 करोड़ रुपए के लंबित बिलों को केजरीवाल के प्रभाव के कारण क्लीयर करा सके थे।
उन्होंने रेणु कंस्ट्रक्शन, पवन कंस्ट्रक्शन और कमल कंस्ट्रक्शन नामक तीन कंपनियां बनाई थीं और इन्हीं के नाम पर पीडब्ल्यूडी से बिल क्लीयर कराए थे। अवस्थी ने कहा कि उन्होंने बंसल की मौत की जांच कराने के लिए दिल्ली पुलिस को अर्जी सौंपी है।