लंदन। ब्रिटेन के एक सिख दंपति को उनकी ‘सांस्कृतिक विरासत’ के कारण एक श्वेत बच्चे को गोद लेने की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया। इसके बजाय उन्हें भारत से एक बच्चा गोद लेने की सलाह दी गई।
समाचार पत्र डेली मेल की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में जन्मे संदीप व रीना मंदर बर्कशायर में रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें एक स्थानीय गोद लेने वाली संस्था एडाप्ट बर्कशायर ने बच्चा गोद देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वहां सिर्फ श्वेत बच्चे मौजूद थे।
रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी ने कहा कि श्वेत ब्रिटिश या यूरोपीय माता-पिता को प्रमुखता दी जाएगी। दंपती (30) ने कहा कि वे किसी भी जाति के बच्चे को घर लाना चाहते हैं।
दंपति इक्वलिटी एंड ह्यूमन राइट्स कमीशन (ईएचआसी) के समर्थन से सेवाओं के प्रावधान में भेदभाव का दावा करते हुए अब इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती दे रहे हैं।
दैनिक ने कहा कि मंदर ने काउंटी अदालत में याचिका दाखिल की है जिसमें मांग की गई है कि नीति के तहत उन्हें बच्चा गोद लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने टाइम्स अखबार से कहा कि हमें गोद लेने के आवेदन के अस्वीकार किए जाने की उम्मीद नहीं की थी, यह हमारे गोद लेने की अक्षमता की वजह से नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक विरासत की वजह से जिसे भारतीय/पाकिस्तानी की तरह परिभाषित किया जा रहा है।