अहमदाबाद। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को विफल बताया। सिन्हा ने कहा कि देश वित्तमंत्री अरुण जेटली के दो कदमों की वजह से अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण उनसे इस्तीफे की मांग कर सकता है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने किसी तरह की राजनीतिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन, उन्होंने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक स्थिति के बारे में बात करने की अत्यधिक जरूरत है।
यशवंत सिन्हा चुनावी राज्य गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह लोकशाही बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी व जीएसटी के प्रभाव के बारे में बात कर रहे थे। लोकशाही बचाओ आंदोलन गुजरात में गठित एक समूह है।
सिन्हा ने कहा कि भारत के लोग वित्तमंत्री के अर्थव्यवस्था में मंदी व नोटबंदी व जीएसटी में विफलता के कृत्य के लिए उनके इस्तीफे की मांग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को कुछ दिक्कतें पहले की सरकार से प्राप्त हुईं, जिससे गंभीर रूप से निपटने की जरूरत है। ये गैर निष्पादक संपत्तियां (एनपीए) बैंकिंग क्षेत्र की व देश में 2-25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रुकी हुई परियोजनाएं हैं।
सिन्हा ने कहा कि साढ़े तीन साल के दौरान रुकी हुई परियोजनाओं में थोड़ी कमी आई है, लेकिन 17-18 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाएं अभी भी रुकी हैं। पुरानी परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ीं व कोई नई परियोजना नहीं लाई गई।
करीब आठ लाख करोड़ रुपए का एनपीए जो अभी भी बना हुआ, को निपटाया जाना है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की अंतिम तिमाही में वृद्धि दर 4.7 फीसदी थी, जो कि वर्तमान की संशोधित गणना के अनुसार 6.5 फीसदी बैठती है। मौजूदा वृद्धि दर 5.7 फीसदी है, जो पुरानी पद्धति से गणना के अनुसार 3.5 फीसदी बैठती है।
सूत्रों के अनुसार सिन्हा पर भाजपा सदस्यों द्वारा चुनावी राज्य के दौरे को लेकर दबाव डाला जा रहा है, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया है।