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अजमेर में स्थापित होगी देश की पहली सिंधु शोध पीठ- प्रो. देवनानी - Sabguru News
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अजमेर में स्थापित होगी देश की पहली सिंधु शोध पीठ- प्रो. देवनानी

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अजमेर में स्थापित होगी देश की पहली सिंधु शोध पीठ- प्रो. देवनानी
country's first research sindhu peth set up in the in ajmer: Devnani
country's first research sindhu peth set up in the in ajmer: Devnani
country’s first research sindhu peth set up in the in ajmer: Devnani

अजमेर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राालय एवं महर्षि सरस्वती विश्वविद्यालय के सहयोग से विश्वविद्यालय में देश की पहली सिंधु शोध पीठ स्थापित होगी।

मंत्राालय एवं विश्वविद्यालय में बुधवार को शोध पीठ के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।  विश्वविद्यालय में 2 करोड़ रूपए की लागत से स्थापित होने वाली पीठ में सिंधी भाषा के शोध एवं उच्चतर अध्ययन सहित डिप्लोमा आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार सिंधी भाषा एवं संस्कृति के संवद्र्घन एवं सशक्तिकरण के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। सिंधु पीठ की स्थापना के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राालय ने एक करोड़ एवं विश्वविद्यालय ने एक करोड़ रुपए की राशि दी है। इस राशि एवं इसके ब्याज से केन्द्र में अध्ययन- अध्यापन एवं शोध आदि के कार्य सम्पादित किए जाएंगे।


प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने सिंधी भाषा व संस्कृति को पर्याप्त महत्व देते हुए सिंधी समाज के वीर पुरूष महाराजा दाहरसेन एवं शहीद हेमू कालानी को पाठ्यक्रम में स्थान दिया है। साथ ही सिंधी भाषी विद्यार्थियों के लिए भी प्रवेश एवं उच्चतर अध्ययन आदि की सुविधाए दी गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि राजस्थान का विद्यार्थी भारतीय संस्कृति के गौरव को अनुभव कर सके एवं उस पर गर्व करे। हमारा विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम के जरिए देशभक्त एवं सुसभ्य नागरिक बनेगा। पाठ्यक्रम में किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंधी संस्कृति एवं सिंधी भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है।

सिंधी भाषा में 52 वर्ण है। इसका इतिहास भारतीय एवं सिंधु संस्कृति में भाषा व शब्द ज्ञान की उत्पत्ति के साथ जुड़ा है। भारत के राष्ट्रगान में भी सिंध शब्द शामिल है। प्रो. देवनानी ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाली सिंधु शोध पीठ में शोध, उच्च अध्ययन, कम अवधि के पाठ्यक्रम आदि उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि शोध पीठ के निरन्तर विकास के लिए एक सलाहकार समिति का भी गठन किया जाए। साथ ही यहां आईएएस एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्ययन का भी अवसर मिले। शोध पीठ को मिली धनराशि का सदुपयोग हो।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित की जाने वाली देश की पहली सिंधु पीठ ज्ञान के उच्चतम केन्द्र के रूप में विकसित की जाएगी। यहां उच्च स्तर की शोध व अध्ययन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शोध पीठ के विकास में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्राालय की राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की उपाध्यक्ष अरूणा जेठवानी ने कहा कि अजमेर में यह शोध पीठ हर तरह से सिंधी भाषा एवं संस्कृति के विकास के लिए फायदेमंद साबित होगी। सिंधी दुनिया की सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक है। यह हेरिटेज लेंग्वेज भी है।

उन्होंने सिंधी भाषा के प्रति युवाओं में कम होती रुचि पर भी चिन्ता जाहिर की। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के निदेशक डॉ. रवि टेकचन्दानी ने कहा कि शोध पीठ में सिंधी के अतिरिक्त हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में भी सिंधी के अध्ययन व शोध की सुविधा उपलब्ध होगी।

केन्द्र सरकार चाहती है कि पूरे देश में सिंधी क्लब स्थापित हों जो सिंधी साहित्य व भाषा के उत्थान के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग का कोई विद्यार्थी अगर सिंधी भाषा में शोध या उच्चतर अध्ययन करना चाहता है तो केन्द्र सरकार में उसके लिए कई योजनाएं हैं।

कार्यक्रम को विश्वविद्यालय की प्रो. लक्ष्मी ठाकुर ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ. कमला गोकलानी ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीपी सारस्वत, नवलराय बच्चानी, सुरेश बबलानी एवं प्रताप पिंजानी सहित कई जनप्रति एवं सिंधी समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।