सबगुरु न्यूज राजसमंद/उदयपुर। राजकार्य के बाधा के मामले में 151 की कार्यवाही करने की बात कह कर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले तत्कालीन डूंगला थानाधिकारी के खिलाफ सरकार ने विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए हैं, वहीं इसी मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सात हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए कांस्टेबल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण मामलात की अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
प्रकरण के अनुसार पिराना डूंगला चित्तौड़ निवासी लालशंकर पुत्र लच्छीराम कुलमी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद में शिकायत की कि उसके बड़े भाई बगदीराम का पिराना में कच्चा मकान है। उसकी दीवार सरपंच ने बिना नोटिस तुड़वा दी। पुनः दीवार बनवाने पर सरपंच ने उसे भी ध्वस्त करवा दी। इसको लेकर बगदीराम व सरपंच के बीच झगड़ा हुआ।
दोनों पक्षों ने डूंगला थाने में परस्पर मामले दर्ज करवाए। बगदीराम की रिपोर्ट पर डूंगला थानाधिकारी ने कोई कार्यवाही नहीं की और उन्हें राजकार्य में बाधा के मामले में बंद करने जा रहा है। थानाधिकारी सिरासना पादूकला नागौर निवासी छैनाराम पुत्र छोटूराम ने दस हजार रुपए मांगे और कहा कि राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने की बजाय केवल 151 में गिरफ्तार कर मामले को समाप्त कर देंगे।
इस मामले में कांस्टेबल छीपों का आकोला भोपालसागर चित्तौड़ हाल कांस्टेबल 1341 थाना डूंगला में तैनात राजकुमार पुत्र बालूराम यादव फरियादी शंकरलाल कुलमी से रिश्वत की राशि लेने गया था तो आरोपी को राजसमंद एसीबी टीम ने उसके कमरे पर सात हजार रुपए की रिश्वत लेते 7 जून 2015 को गिरफ्तार किया।
इस मामले में 30 जनवरी 2017 को राज्य सरकार ने थानेदार छैनाराम के खिलाफ मामला चलाने की स्वीकृति नहीं दी। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के आदेश दिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद इकाई ने थानेदार को अपराधी नहीं बनाया और कांस्टेबल राजकुमार यादव के खिलाफ पीसी एक्ट 1988 की धारा 7, 8, 13 (1) (डी), 13 (2) व 120-बी में आरोप पत्र पेश किया।