बाराबंकी। बाजार से शाकाहारी ब्रांडेड केक खरीदकर खाने वाले लोगों को बड़ा झटका लगा है। बाजार में भरोसे की जड़े जमा चुकी चर्चित कम्पनी ब्रिटानिया के शाकाहारी केक जांच में फेल हो गया है। जांच में पाया गया है कि यह शाकाहारी लोगों लिए था ही नहीं।
बाराबंकी के चीफ फूड इन्स्पेक्टर मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2013 में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सदर संजय सिंह द्वारा पैक्ड ब्रिटनियां केक का नमूना लिया गया था और इसकी जांच के लिए भेजा गया था और जांच में पाया गया कि पैकेजिंग एण्ड लेवलिंग रेगुलेशन एक्ट 2011 का दोषी पाया गया है।
इन्होंने अपने केक पर नॉनवेज सिम्बल जो ब्राउन कलर का होना चाहिए था उसको अंकित नहीं किया था और इसको ब्राउन की जगह लाल रंग का सिम्बल अंकित किया था। और क्योंकि भारत की अधिकांश जनता वेजिटेरियन है और यह एक प्रतिष्ठित कंपनी है।
इसलिए इनसे यह आशा नहीं की जाती कि इस तरह का ये बड़ा फाल्ट करें और इसी दोषी पाते हुए न्याय निर्णय अधिकारी बाराबंकी ने कम्पनी और जहां से इन्होने माल लिया था उस पर कुल चार लाख दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आगे की प्रक्रिया में उनको नोटिस जारी किया गया है एक महीने के अंदर उनको पूरा जुर्माना जमा करना होगा।
चीफ फूड इन्स्पेक्टर मनोज वर्मा ने बताया कि उक्त कम्पनी ने पैकेजिंग एवं लेवलिंग के नियमों का उल्लंघन करके जनता को गुमराह कर रही थी।
ब्रिटानिया के जो केक शाकाहारी होने का दावा कर रहे हैं वह असल में शाकाहारी नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि ब्रिटानिया देश के शाकाहारी पसन्द लोगों को क्या मांसाहारी बना कर अपराध कर रही थी।
मनोज वर्मा ने बताया कि केक के पैकेट पर भूरे रंग की जगह लाल निशान था। क्योंकि भारत की अधिकतर जनता शाकाहारी है इसलिए ऐसा कृत्य सीधे-सीधे धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।