हिसार। हरियाणा में दुष्कर्म की शिकार 5 माह की प्रेगनेंट 13 साल की लड़की का हिसार की एक कोर्ट तथा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से अबॉर्शन की मंजूरी मिलने के बावजूद डाक्टरों ने पीडिता का गर्भपात करने से इंकार कर दिया है।…
ज्ञातव्य है हिसार के गांव ढाणी गारन की इस नाबालिग लड़की के साथ 57 साल के एक व्यक्ति ने कई महीनों तक दुष्कर्म किया। मेडिकल जांच में 15 सितंबर को उसके 5 माह की गर्भवती होने का पता चला। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद 20 सितंबर को स्थानीय कोर्ट ने एक याचिका के तहत अबॉर्शन की मंजूरी दी लेकिन हिसार सिविल अस्पताल और पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों ने पीडिता के गर्भ की अवधि और उसकी हालत को देखते हुए गर्भपात से इनकार कर दिया था।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑपक प्रेगनेंसी (एमटीपी) के अनुसार 20 सप्ताह के बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता है जबकि पीडिता का गर्भ 23 सप्ताह से है जिससे निराश होकर वह अपने गांव लौट गई थी।
इसके कुछ दिन बाद पीडिता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर गर्भपात की इजाजत मांगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस के कानन ने गत सात अक्टूबर को पुलिस को फटकार लगाते हुए सरकारी अस्पताल को गर्भपात के आदेश दिए। आठ अक्टूबर को पीडिता को हिसार के सिविल अस्पताल में भर्ती तो कर लिया मगर चार दिन बीत जाने के बाद भी गर्भपात नहीं किया।
इससे पीडिता जहां मानसिकरूप से प्रताडित हो रही है वहीं उसके वकीलो में भी रोष है। अब पीडिता के वकील लाल बहादुर खोवाल ने सोमवार को डाक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर करने का निर्णय किया है।