उदयपुर। पुलिस अधिकारियों द्वारा पिछले कुछ दिनों से शहरवासियों को टोपा पहनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को लेकर न्यायालय ने जिला पुलिस अधीक्षक, डिप्टी ट्रॉफिक और शहर के अंबामाता और सुखेर थानाधिकारियों को नोटिस देकर न्यायालय की अवमानना पर जेल भेजने या चल-अचल सम्पति कुर्क करने को लेकर 5 जनवरी तक जवाब मांगा है।
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर नए वर्ष से शहरवासियों के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक कर दिया था। जिसमें गुरुवार से ही शहर में कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों ने हेलमेट नहीं पहनने वाले दुपहिया वाहनचालकों के चालान बनाकर जुर्माना वसूला। साथ ही हेलमेट नहीं पहनने पर वाहन भी सीज कर लिया। जबकि अदालत ने वर्ष 2007 में इस मामले में डिक्री पारित की थी, जिसमें इस तरह से जुर्माना वसूलने, चालान बनाने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के नाम पर यह कार्रवाई की जा रही थी।
इसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता सुंदरलाल माण्डावत ने न्यायालय में पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा, डिप्टी ट्रॉफिक राजाराम मीणा, अंबामाता थानाधिकारी और सुखेर थानाधिकारी के खिलाफ अदालत की अवमानना का वाद पेश किया था। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए इन अधिकारियों के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायालय की अवमानना करने पर क्यों न इन अधिकारियों को 6 माह का सिविल कारावास की सजा दी जाए या इन अधिकारियों की चल-अचल सम्पति कुर्क किया जाए। न्यायालय ने इन अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है और 5 जनवरी को जवाब मांगा है।
कर रहे हैं बुकिंग
अभियान से शहरवासियों में इतना डर बैठ गया है कि शहरवासी ब्रांडेड कंपनी के हेलमेट खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंच रहे हैं। उन दुकानों पर हेलमेट समाप्त हो गए है। इसी कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। दुकानदारों ने भी हेलमेट नहीं होने पर अग्रिम पैसे लेकर बुक करना शुरू कर दिया है और एक दिन बाद हेलमेट देने का आश्वासन दे रहे हैं। वहीं जिनके पास हेलमेट हैं वे दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं। ब्रांडेड कंपनी के हेलमेट समाप्त होने पर शहर की सड़कों पर बैठकर हेलमेट बेचने वालों की बल्ले-बल्ले हो गई। ये लोग डुप्लीकेट हेलमेट को भी असली बताकर बेच रहे हैं और मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।