नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए हलफनामे में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित रूप से गलत ब्योरा देने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत पर आज आम आदमी पार्टी आप की विधायक भावना को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा है।
मेेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा कि रिकार्ड पर रखी समूची सामग्री का अध्ययन करने और शिकायतकर्ता समरेन्द्र नाथ वर्मा के बयानों पर विचार करते हुए अदालत ने प्रथम दृष्टया जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए झूठा हलफनामा पेश करने पर जुर्माना के तहत अपराध करने के मामले में आरोपी भावना गौर के खिलाफ आगे बढऩे के लिए पर्याप्त आधार पाया।
शर्मा ने कहा कि तदनरूप, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत अपराध के लिए आरोपी भावना गौर को सम्मन किया जाता है। इससे पहले, अदालत ने शिकायतकर्ता और चुनाव अधिकारी के बयान दर्ज किए।
वर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि दिसंबर 2013 और फरवरी 2015 में संपन्न हुए दो विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के समक्ष पेश भावना के हलफनामों में शैक्षिक याग्यताओं से संबंधित ब्योरों में गड़बड़ी है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत किए गए अपराध में छह महीने तक की कैद की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।