चंडीगढ़/नई दिल्ली। सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोप में सोमवार को चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक सदस्य सचिव को गिरफ्तार कर लिया।
एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बीरेंद्र चौधरी ने एक व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के लिए एक लाख रुपये मांगे थे, जिसे लेते हुए रंगे हाथों उन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को चौधरी के आवास की तलाशी ली, जहां से दो लाख रुपये नकद और कुछ संपत्ति के कागजात और बैंक खाते बरामद किए गए।
एजेंसी ने चौधरी के खिलाफ चंडीगढ़ के एक निजी कंपनी के मालिक की शिकायत पर सोमवार को मामला दर्ज किया। कंपनी के मालिक ने खुद से और तीन अन्य व्यापारियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि मामले में कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि छह दिसंबर, 2016 को जारी की गई स्वीकृति को रद्द करने के संदर्भ में चौधरी द्वारा शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया गया। नोटिस पाने के बाद शिकायतकर्ता चौधरी से कई बार मिला अपना विवरण देने के लिए कई बार मिला, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसी मुद्दे वाले तीन अन्य व्यापारियों के साथ चौधरी से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान चौधरी ने प्रत्येक व्यापारी से 50,000 रुपये प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करने के लिए मांगा। बाद में कथित रिश्वत की राशि घटाकर 25,000 रुपए प्रति व्यापारी कर दी गई। इस तरह चार व्यापारियों से एक लाख रुपये की कुल राशि मांगी गई। इसमें शिकायतकर्ता भी शामिल है, जिससे सचिव सदस्य ने रिश्वत की मांग की थी।