वाशिंगटन। निवर्तमान ओबामा प्रशासन अमेरिकी आम चुनावों में राजनीतिक दलों और नेताओं के सर्वरों और ईमेलों की साइबर हैकिंग में रूस की कथित संलिप्तता के चलते उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। इस बात की जानकारी कई मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से सीबीएस न्यूज और सीएनएन ने कहा कि नए प्रतिबंध रूसी खुफिया एजेंसी और उसके अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि खुफिया एजेंसी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शह पर काम किया।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधों की घोषणा गुरूवार को की जा सकती है। राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले ही कथित रूसी हैकिंग की जांच की घोषणा कर चुके हैं। इसकी रिपोर्ट जनवरी की शुरूआत में आ सकती है। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि प्रशासन को ‘अपनी ओर से पूरी कोशिश करनी चाहिए और हर चीज का पता लगाना चाहिए।’
सीबीएस न्यूज ने कहा कि व्हाइट हाउस ऐसे कदम उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसे आगामी प्रशासन उलट नहीं सकता। अब तक ट्रंप ने साइबर हमलों में रूसी भूमिका को मानने से इनकार किया है।
प्रशासनिक अधिकारी भी इसे ऐसा बना देना चाहेंगे कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके उठाए किसी कदम को उलटना मुश्किल हो जाए। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, ‘यहां एक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे पास मौजूद इतने अधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिए जाएं या कांग्रेस को इस रूप में जानकारी दे दी जाए कि इनसे पीछे हटना मुश्किल हो जाए।’’ मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए रूस ने कहा है कि अमेरिका का ऐसा कोई कदम भड़काउ माना जाएगा। इसके साथ ही रूस ने प्रतिशोध की भी चेतावनी दी। इन प्रतिबंधों में हैकिंग से जुड़े लोगों के नाम और सरकार के साथ करीबी संपर्क रखने वाले लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं।
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘यदि वाशिंगटन वाकई कोई नया शत्रुतापूर्ण कदम उठाता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। अमेरिका में रूसी राजनयिक मिशनों के खिलाफ उठाए गए किसी कदम का तत्काल असर रूस में अमेरिकी राजनयिकों पर होगा।’ सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी कार्रवाई में प्रतिबंधों में विस्तार और राजनयिक कदम शामिल हो सकते हैं। अक्तूबर में, अमेरिका ने रूस पर राजनीतिक हैकिंग हमलों का आरोप औपचारिक तौर पर लगाया था। अमेरिका ने कहा था कि ये हैकिंग हमले अमेरिकी चुनावों में दखलंदाजी के लिए किए गए थे। रूस के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने इंटरफैक्स को बताया कि ये आरोप ‘बकवास’ हैं।
इस माह की शुरूआत में, सीआईए के अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि उन्हें ‘पूरा यकीन’ है कि रूसी हैकरों ने अमेरिकी चुनाव में ट्रंप को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। ट्रंप की टीम ने इन रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ये वही लोग हैं, जिन्होंने कहा था कि सद्दाम हुसैन के पास सामूहिक जनसंहार के हथियार हैं।’