वाराणसी। बवाल के चलते नगर के चार थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू को जिला प्रशासन ने सोमवार देर रात हटा लिया। हालांकि प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नगर क्षेत्र के सभी स्कूलों और कालेजों को मंगलवार के लिए बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
प्रतिकार यात्रा के दौरान गोदौलिया चैराहे पर हुए पत्थरबाजी, आगजनी और बमबाजी के कारण जिला प्रशासन ने देर शाम चैक, दशाश्वमेघ, कोतवाली और लक्सा थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था।
जिलाधिकारी राजमणि यादव ने बताया कि भीड़ को सड़क से हटाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया था, जिसे थोड़ी देर बाद हटा लिया गया। उन्होंने बताया कि इस समय स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन, एहतियात के तौर मंगलवार को नगर क्षेत्र के सभी स्कूल व कालेज बंद रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में बवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सोमवार को संतों द्वारा निकाली गई प्रतिकार यात्रा के दौरान बवाल हो गया। स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख जिला प्रशासन ने चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। पत्थरबाजी, आगजनी और बमबाजी में लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी, पत्रकार व राहगीरों के जख्मी हो गये। उग्र भीड़ ने पुलिस बूथ समेत कई वाहनो को आग के हवाले कर दिया है।
बवाल के चलते गोदौलिया चैराहे पर घंटों भगदड़ मची रही। स्थित पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी और आसूं गैस के गोले दागे। लाठी चार्ज के बावजूद उपद्रवी लोग बमबाजी और पथराव कर पुलिस के वाहनों में आगजनी करते रहे। चैराहे पर उपद्रवियों द्वारा घंटों गुरिल्ला युद्ध जारी रहा।
बवाल के चलते गंगा घाट पर जीउतिया पूजन के लिए आयी महिलाएं डर के मारे रोने लगीं। उपद्रवी हिंसक होकर घंटो उपद्रव मचाते रहे। घटना की जानकारी होते ही मौके पर प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अफसर पंहुच गये।
स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने गोदौलिया, चैक और मैदागिन इलाकों को सील कर दिया और देर शाम जिला प्रशासन ने चैक, दशाश्वमेघ, कोतवाली व लक्सा थाना क्षेत्र में कफ्र्यू लगा दिया। गोदौलिया चैराहे को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस बल मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक बाडी प्रोटेक्टर पहन गस्त कर रही है। लाउडस्पीकर द्वारा ऐलान किया जा रहा है कि सुरक्षा के मद्देनजर लोग अपने घरांे में चले जांये।
जिलाधिकारी राजमणि यादव ने बताया कि भीड़ को सड़क से हटाने के लिए कफ्र्यू लगाया गया है। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि मौके पर अभी भी बेहद तनावपूर्ण माहौल है। उपद्रवी अभी भी गलियों में गुरिल्ला युद्ध जारी रखे हैं। बताया जाता है कि पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को इस मामले में अब तक गिरफ्तार किया है।
कुछ लोगों का कहना है कि प्रतिकार यात्रा में हिंसक बवाल सुनियोजित साजिश के तहत हुआ। हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि घटना अकस्मात घटी। गोदौलिया चैराहे पर एकाएक भगदड़ मचने से भीड़ उग्र हो गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने वाराणसी के लोगों से अपील की है कि सौहार्द्र के लिए सब मिल कर प्रयास करें।
प्रतिकार यात्रा में शामिल थे साध्वी प्राची और चक्रपाणि महाराज
प्रतिकार यात्रा में साध्वी प्राची और चक्रपाणि महाराज के अलावा भारी संख्या में साधु-संत और स्थानीय लोग भी शामिल थे। यात्रा के समर्थन में नगर में बन्दी जैसा माहौल भी रहा। खास बात यह रही कि मुस्लिम वर्ग ने भी आज अपनी दुकानें बन्द रखकर सन्तों को अपना मौन समर्थन दिया।
यह प्रतिकार यात्रा अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई थी। टाउनहॉल से मैदागिन चैराहा होते हुए चैक और गोदौलिया चैराहा से दशाश्वमेध घाट तक इसे जाना था। जुलूस जैसे ही गोदौलिया पहुंचा प्रतिकार यात्रा में एकाएक भगदड़ मच गई जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई। इस दौरान भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और चैराहे पर स्थित पुलिस पिकेट को आग के हवाले कर दिया। उग्र भीड़ ने कई वाहनों में भी आग लगा दी। इसके बाद पुलिस भी हरकत में आ गई और आक्रोशित भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागने के साथ लाठी चार्ज शुरू का दिया।
यात्रा में शामिल साध्वी प्राची ने कहा कि प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर रास्ता नहीं निकाला। इसके लिए जब तक मुख्यमंत्री नतमस्तक होकर मांफी नहीं मांगेंगे, आंदोलन चलता रहेगा। साध्वी ने दादरी मामले को लेकर कहा कि एक तरफ काशी में संतों पर लाठियां बरसाई जाती हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री गाय काटने वालों को 45 लाख रुपए देते हैं। उन्होंने कहा अगर मुख्यमंत्री इसके लिए माफी नहीं मांगते तो देश में साधु-संतों का बड़ा आंदोलन चलेगा।
चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संत गोली खाने काशी पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर मूर्ति विसर्जन को लेकर लाठी बरसाई जा रही है और प्रदेश सरकार दादरी मामले में बैकफुट पर आकर माफी मांगने से भी पीछे नहीं हट रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उप्र की सपा सरकार संतों का सम्मान करना नहीं जानती है।