सिरसा/चंडीगढ़। हरियाणा के सिरसा में अधिकारियों ने मंगलवार को कर्फ्यू में शहरी सीमा क्षेत्र में ढील दी। लेकिन सिरसा के बाहरी इलाके में स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय के आसपास स्थिति तनाव पूर्ण बनी रही।
कर्फ्यू में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ढील दी गई। इसकी घोषणा बीते 24 घंटों में सिरसा में किसी तरह की अप्रिय घटना न होने के मद्देनजर की गई।
विशेष आयुक्त वी. उमाशंकर ने कहा कि कर्फ्यू में ढील की इजाजत लोगों को रोजमर्रा के जरूरी सामान खरीदने के लिए दी गई। हालांकि, डेरा मुख्यालय के निकट कर्फ्यू जारी रहा, जो शहर से आठ किमी दूर है।
सेना, अर्धसैनक बल व हरियाणा पुलिस सहित सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती डेरा मुख्यालय के चारों तरफ तैनात है। डेरा का मुख्यालय 700 एकड़ में फैला हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि डेरा परिसर के भीतर अब भी करीब 15,000 लोग हैं।
डेरा परिसर के भीतर 10000-12000 लोग रहते हैं। डेरा अपने आप में एक छोटे शहर जैसा है, जिसमें घर, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, स्टेडियम व दूसरे बुनियादी सुविधाएं हैं। सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अनुमान के मुताबिक अब भी डेरे के अंदर 2000-3000 अनुयायी हैं। प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा के शाही बसेरा में रह रही 18 लड़कियों को भी डेरे से निकाल लिया है। इन अनाथ बच्चियों का डेरे में ही इनका पालन पोषण हो रहा था।
डेरा के प्रभाव वाले हरियाणा व पंजाब के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल अब भी उच्च सर्तकता बरते हुए हैं। हालांकि, इन इलाकों में कोई कर्फ्यू नहीं है।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह लोहाना ने 25 अगस्त को हरियाणा के पंचकूला में रेप का दोषी करार दिया। इसके बाद डेरा अनुयायियों ने पंचकूला में भारी हिंसा फैलाई थी। इसमें पंचकूला में 30 व सिरसा में 8 लोगों की मौत हो गई व 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
बाद में 28 अगस्त को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने रोहतक की सुनारिया जेल में राम रहीम को सजा सुनाई। उन्हें दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई है और उन पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।