नई दिल्ली/मुंबई। टाटा संस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए सायरस मिस्त्री को सोमवार को टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद से भी हटा दिया गया।
टाटा समूह की छह कंपनियों ने सायरस मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के लिए असाधारण आमसभा बुलाई थी, जिसमें उनको हटाने का फैसला लिया गया। उल्लेखनीय है कि टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष रतन टाटा ने पिछले सप्ताह शेयरधारकों को पत्र लिखकर अपील की थी कि सायरस मिस्त्री का टाटा कंपनियों के बोर्डों में बने रहने बुरा हो सकता है।
पत्र में टाटा संस की ओर से लाए गए विशेष प्रस्ताव पर शेयर धारकों से समर्थन मांगा गया था ताकि टाटा समूह सायरस मिस्त्री को निदेशक पद से हटा सके। पत्र में कहा गया है कि टाटा संस बोर्ड का मिस्त्री और समूह का नेतृत्व करने की उनकी काबिलियत से भरोसा उठ गया है।
रतन टाटा ने कहा कि मिस्त्री को हटाने की कार्यवाही इसलिए करनी पड़ी क्योंकि उनसे संबंधों को सुधारने के तमाम प्रयास बेकार गए। उन्होंने कहा कि मिस्त्री की विभिन्न टाटा समूह कंपनियों में निदेशक पद पर नियुक्ति केवल टाटा संस के अध्यक्ष होने के नाते की गई थी, सही कदम यह होता कि वह स्वयं निदेशक पद से इस्तीफा दे देते।
दुर्भाग्यवश उन्होंने ऐसा नहीं किया। इन कंपनियों के बोर्डों में उनके निदेशक बने रहने के गंभीर रपिणाम हो सकते हैं, खासकर टाटा संस में प्राथमिक प्रमोटर के प्रति उनकी खुली शत्रुता के चलते।
दूसरी ओर टाटा संस के बोर्ड में 2006 में शामिल होकर 2012 में उसके अध्यक्ष बनने वाले सायरस मिस्त्री ने भी टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयरधारकों को लिखे पत्र में रतन टाटा पर उनके द्वारा किए गए सुधारों को कम आंकने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने दावा किया है कि उनके 4 वर्षों के कार्यकाल में टाटा समूह की कंपनियों ने अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर परिणाम दिए।