नई दिल्ली। टाटा संस ने अपने हटाए गए चेयरमैन साइरस पी. मिस्त्री को कानूनी नोटिस भेजा है। मिस्त्री पर कंपनियों के संवेदनशील दस्तावेज (बोर्ड बैठकों के मिनट्स सहित), वित्तीय सूचना तथा आंकड़ों को सार्वजनिक करने और गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप है।
कंपनी ने मिस्त्री की पारिवारिक निवेश फर्मों द्वारा राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के समक्ष दायर याचिका के साथ कंपनी के गोपनीय तथा संवेदनशील दस्तावेज नत्थी करने को अपनी विश्वास, कानूनी तथा अनुबंध के दायित्वों को निभाने में विफलता करार दिया है।
टाटा संस ने विधि कंपनी शारदुल अमरचंद मंगलदास के जरिये भेजे नोटिस में कहा है कि इसकी जरूरत न होने के बावजूद मिस्त्री के परिवार की कंपनियों ने जानबूझकर याचिका के साथ टाटा संस लिमिटेड, टाटा समूह की कंपनियों तथा संयुक्त उद्यमों के संबंधित गोपनीय दस्तावेज, कारोबारी रणनीतियां, वित्तीय सूचनाएं आदि लगाई हैं।
इसमें कहा गया है, ‘टाटा संस के निदेशक की हैसियत में आपने अपने पास गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं सार्वजनिक की हैं। यह पूरी तरह आपके द्वारा टाटा संस के प्रति विश्वास का हनन और टाटा समूह की आचार संहिता के प्रति प्रतिबद्धता का उल्लंघन है।’
टाटा संस ने कहा है कि वह इस मामले में अपने पूरे कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करेगी और साथ ही कानून के तहत उपलब्ध सभी माध्यम अपनाएगी। टाटा संस ने मिस्त्री से गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं को साझा करने से बचने को कहा है। इसके अलावा एनसीएलटी के समक्ष कोई भी दस्तावेज जो याचिका से संबंधित नहीं हैं, उनको टाटा संस ने उनको हटाने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि मिस्त्री के कदम से टाटा संस के समक्ष गोपनीयता के उल्लंघन की वजह से तीसरे पक्षों की ओर से दावों का अंदेशा पैदा हो गया है। ‘टाटा संस इस तरह के सभी दावों की जिम्मेदारी मिस्त्री पर डालेगी।’
मिस्त्री ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय कंपनी विधि बोर्ड के समक्ष अपील दायर कर रतन टाटा के बोर्ड की बैठकों में शामिल होने पर रोक लगाने तथा टाटा संस के प्रबंधन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की मांग की थी।
याचिका दायर करने वाली कंपनियों में साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट लिमिटेड शामिल हैं। ये दोनों कंपनियां मिस्त्री के परिवार के नियंत्रण वाली हैं और इनमें मिस्त्री की उल्लेखनीय शेयरधारिता है।