नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित दादरी कांड में बिसाहड़ा के गांव वालों की याचिका पर मृतक अखलाक के परिवार वालों के खिलाफ गोकशी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
इस मामले में मथुरा लैब की रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज हुआ था लेकिन अब इस मामले में गोवध अधिनियम के तहत केस दर्ज होगा।
गौरतलब है कि बिसाहड़ा गांव के ही एक शख्स ने गांव में गोहत्या होने की शिकायत की थी। अखलाक के घर से मिले मांस की फोरेंसिक जांच में साबित हुआ कि गोवंश का है। कोर्ट ने इसी मामले में सुनवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने परिवार के जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है उनमें मृतक अखलाक का भाई जान मोहम्मद, अखलाक की मां असगरी, अखलाक की पत्नी इकरामन, अखलाक का बेटा दानिश खान, अखलाक की बेटी शाहिस्ता और रिश्तेदार सोनी का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि सितंबर 2015 की इस घटना में नोएडा के दादरी में उन्मादी भीड़ ने मोहम्मद अखलाक के घर में घुसकर उसकी हत्या कर दी थी जबकि उसके बेटे को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
भीड़ का गुस्सा इस अफवाह पर था कि मोहम्मद अखलाक के घर में गोमांस पकाया गया है। पुलिस ने जांच के दौरान अखलाक के घर से बरामद मीट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। मथुरा की लैब से उसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद इस बात की पुष्टि हो गई थी कि घर में पकने वाली मीट मटन होने की बजाय गोमांस ही था।
मुआवजा राशि वापस ली जाए : विहिप
विश्व हिन्दू परिषद ने बिसाहड़ा मामले में अखलाक और उसके परिवार पर गौ हत्या का केस दर्ज करने के अदालती आदेश का स्वागत किया है। विहिप का कहना है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि जिसे पीड़ित कहा जा रहा था वह असल में अपराधी है।
विहिप महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि गांव के हिन्दू समुदाय के लोग अखलाक के घर केवल जानकारी लेने गए थे परन्तु अखलाक और उसके परिवार के दुर्व्यवहार के कारण वह दुर्घटना हो गई। दुर्भाग्य से सेकुलर माफिया के शोर-गुल में सत्य की आवाज दबा दी गई और हिन्दू समाज को अपराधी सिद्ध करने का प्रयास किया गया।
फोरेंसिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया था कि अखलाक के घर से बरामद मांस गौमांस ही था। उसी समय उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को उचित कार्यवाही कर अखलाक के परिवार पर गौहत्या का मामला दर्ज कर पीड़ित हिन्दुओं से केस वापिस लेना चाहिए था परन्तु उन्होंने जिस प्रकार उस रिपोर्ट को झुठलाने की कोशिश की, वह दुर्भाग्य पूर्ण है।
विहिप ने मांग की कि अखलाक के परिवार पर गौहत्या के मामले की निष्पक्ष और तीव्र जांच हो, इस मामले में दोषी उसके परिवारीजनों को तुरन्त जेल में डाला जाए, निरपराध लोगों पर झूठा केस वापस लेकर उन्हें सम्मान सहित रिहा किया जाए तथा अखलाक के परिवार को राहत या मुआवजा के नाम पर दी गई सरकारी सुविधाएं और राशि वापिस ली जाए।