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dangal film review
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खरा सोना हैं आमिर खान की ‘दंगल’

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खरा सोना हैं आमिर खान की ‘दंगल’

dangal film review

नई दिल्ली। बॉक्स ऑफिस पर सफलता के लिए यह आमिर खान का नाम ही काफी है,’दंगल’ इसी कड़ी को आगे बढ़ाती है। हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट और उनकी बेटियां गीता फोगट तथा बबीता कुमारी के जीवन पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन और पटकथा लेखन का काम नितीश तिवारी ने किया है।

फिल्म में आमिर के साथ साक्षी तंवर, फातिमा सना शेख, सन्या मल्होत्रा, जरीना वसीम, सुहानी भटनागर, अपरशक्ति खुराना और गौतम गुलाटी जैसे कलाकार है।

कहानी :-

‘दंगल’ कहानी है महावीर सिंह फोगट (आमिर खान) के जीत और जज्बे की । जिनका जज्बा ऐसा कि समाज की परवाह किए बिना अपनी बेटियों को कुश्ती जैसे खेल में उतारने का ना सिर्फ साहस दिखाते है बल्कि उन्हें इस लायक भी बनाते है कि दुनिया जीत सके।

देश के लिए सोना जीतने का महावीर का सपना पूरा नहीं होता है और वह अपने बेटे के जरिये यह सपना पूरा करना चाहते है। बेटे की चाहत में महावीर के घर चार बेटियां हो जाती है और उसे लगता है अब सपना पूरा नहीं होगा।

इसी बीच एक दिन उनकी बेटियां गीता (जरीना वसीम / फातिमा सना शेख) और बबीता (सुहानी भटनागर/ सन्या मल्होत्रा) कुछ लड़कों की पिटाई कर देती है जिसके बाद महावीर को यह समझ आती है कि बेटे नहीं तो क्या हुआ बेटियां ही उनका सपना पूरा करेगी।

फिर क्या था महावीर बेटियों को कुश्ती का दाव सिखाने का मन बना लेते है लेकिन उनका सामना समाज की रुढि़वादी सोच से होता है। समाज की परवाह किए बिना महावीर खुद अपने खेत में अखाड़ा बनाते है और शुरु होती है एक ऐसी कहानी जो हर किसी के लिए मिसाल बन जाती है। महावीर के इस काम में उनकी पत्नी (साक्षी तंवर) और उनका भतीजा (अपरशक्ति खुराना) बखूबी साथ देते हैं।

निर्देशक :-

‘चिल्लर पार्टी’ और ‘भूतनाथ रिटर्नस’ जैसी फिल्म का निर्देशन करने वाले नितीश तिवारी ‘दंगल’ से अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहे। असल जीवन पर बनीं इस फिल्म को बिना किसी लाग लपेट के उन्होंने पर्दे पर पूरी बारीकी से पेश किया है। जिद और जीत का हौसला देने वाली इस फिल्म में कई ऐसे लम्हें हैं जो आपके चेहरे पर मुस्कान बिखेर देगी।

अभिनय :-

महावीर सिंह फोगट के किरदार के लिए आमिर खान ने जो मेहनत की है वह पर्दे पर दिखता है अब बात चाहे बूढ़े महावीर सिंह फोगट की हो या फिर उनके जवानी के दिन की। फिल्म में आमिर के कई ऐसे डायलॉग है जो देखने वालों के दिल को छू जाते हैं।

महावीर की पत्नी दया कौर के किरदार में साक्षी तंवर भी खूब जमीं। फातिमा सना शेख, सन्या मल्होत्रा और अपरशक्ति खुराना के किरदारों को देखे कर ऐसा लगा ही नहीं की यह उनकी पहली फिल्म है। गीता और बबीता के बचपन के किरदार को जरीना वसीम और सुहानी भटनागर ने जीवंत किया।

गीत-संगीत:-

‘दंगल’ में संगीत दिया है प्रीतम ने जबकि गानों के बोल लिखे हैं अमिताभ भट्टाचार्य ने। फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय है और कहानी को आगे बढ़ते है। आमिर की आवाज में ‘धाकड़’ सुनने में अच्छा लगा तो वही अरिजित सिंह की आवाज में गाया गया ‘नैना’ आखों को नम करता है। ‘हानिकारक बापू’ और ‘गिलहेरियां’ तो पहले ही काफी लोकप्रिय हो चुका है। फिल्म में गीता के गोल्ड मेडल जीतने के बाद बजने वाला राष्ट्रगान लोगों को भावुक कर देता है।

देखे या न देखे :-

पूरी तरह पारिवारिक फिल्म होने के साथ साथ यह दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने में कामयाब रह सकती है। फिल्म का एकमात्र नकारात्मक पहलू इसकी लंबाई है जो 162 मिनट की है और इसे कम किया जा सकता था। आमिर की अदाकारी, नितीश का निर्देशन इसे जरूर देखने वाली फिल्म बनाती है। फिल्म के डायलॉग में हरयाणवी लहजे का इस्तेमाल हुआ है लेकिन वह इतना सरल है कि आपको बखूबी समझ में आ जाएगा।

रेटिंग :-

रिलीज से पहले लोग ‘दंगल’ की तुलना सलमान की ‘सुल्तान’ से कर रहे थे लेकिन कुश्ती के अलावा दोनों फिल्मों में ज्यादा कुछ समानता नहीं है। कुश्ती के अखाड़े में छोरियां का दम और पिता का हौसला दिखाती इस फिल्म को पांच में से चार स्टार (4*/5*)