दतिया। रानू को यह पता नहीं था कि वह जिस लडक़ी से प्रेम कर रहा है वहीं उसकी मौत का कारण बनेगी और प्रेमिका करिश्मा ने भी यह नहीं सोचा कि जिसके साथ वह गांँव से भागकर आई और जीने-मरने की कसम खाई थी। अपने परिवार से विलग होकर विरोधकर रानू के जिंदगी जीने के लिए उससे वादे किए थे। उसी के साथ ऐसा खतरनाक धोखा करेगी।
ज्ञात हो कि ग्राम परासरी निवासी करिश्मा कमरिया का अपने ही गांव के रानू पाण्डेय से प्रेम प्रसंग कई वर्षों से चल रहा था और इसकी भनक परिजनों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध किया क्योकि रानू और करिश्मा ने प्रेम में अंधे होकर जीने-मरने की कसम खा ली थी।
इसी के चलते रानू भागवत बाचने में निपुण था और वह करिश्मा को विगत 6 माह पहले परिवार से रिश्ते-नाते तोड़ विन्द्रावन चला गया था और वहीं पर एक किराये के मकान में पति-पत्नी की तरह रहने लगा। परिजनों इसकी रिपोर्ट उनाव थाने में गुमशूदगी दर्ज कराई।
उक्त बात एसडीओपी सुरेन्द्र सिंह परमार एवं उनाव थाना प्रभारी सातनकर ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताई। उन्होंने आगे बताया कि कुछ समय तो सब ठीक ठाक चलता रहा। परन्तु समयानुसार करिश्मा की नए प्रेमी विजय ठाकुर से नजदीकियां बढ़ी जो कि उसके मकान मालिक का लडक़ा था और उसके उससे संबंध बन गए।
जब रानू भागवत बाचने के लिए जाता था तभी करिश्मा के दोस्तों का किराये के मकान में जमावड़ा लगा रहता था। इसकी जानकारी तब उसके पहले प्रेमी रानू को लगी तो उसने करिश्मा को समझाया-बुझाया और जब न मानी तो दोनों में तकरार होने लगी।
यहीं से करिश्मा और रानू के जिंदगी के बीच दरार पैंदा हुई और करिश्मा ने विजय ठाकुर व उसके मित्र रामू शर्मा के साथ रानू को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली। वह इसी फिराक में रहती थी कि कब मौका मिले और रानू को इस दुनिया से अलविदा किया जाए।
इसी दौरान 22 जनवरी 16 रानू करिश्मा को लेकर अपने गांव परासरी आया और उसने गांव की जमीन अशोक व सोहन कमरिया को बेची और कुछ पैसे लेकर विन्द्रावन वापस चला गया और फिर 25 जनवरी को बेची जमीन की बकाया राशि लेने के लिए परासरी आया और वापिस विन्द्रावन रवाना हुआ।
इसकी जानकारी उसके परिजनों को भी थी। वहां पहुंँचने पर करिश्मा ने अपने प्रेमी व उसके दोस्त के साथ मिलकर मोवाइल चार्जर के तार से गले में फंदा लगाकर हत्या कर दी और उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए विजय अपनी कार में शव डालकर आगरा के पास बने सिकन्दरा रोड पर जंगल में फैंक आया और घर आकर आराम से करिश्मा के साथ रंग रैलियां मनाने लगा।
करिश्मा रानू के एटीम से बराबर पैसे निकालती रही और होटलों में मौज मस्ती व घरेलू सामान खरीदती रही। जब रानू के के संबंध में कोई जानकारी नहीं लगी और उसके एटीएम से पैसे बराबर निकलते रहे तो उसके भाई आशीष पाण्डेय ने थाना उनाव को सूचना दी।
उनाव थाना प्रभारी सातनकर ने मोवाइल लोकेशन ली तो विन्द्रावन बताया गया। साथ ही रानू के दोस्त विवेक शर्मा को करिश्मा पर शक हुआ कि रानू की हत्या के बाद पत्नी करिश्मा जमीन बेचने के बदले मिले चेक रानू के दोस्त मुरैना निवासी विवेक शर्मा के साथ रानू खाते में किलियेरेंस के लिए डालने गई। चैक किलीयर होने के बाद करिश्मा ने एटीएम से पैसा निकालना शुरू कर दिए।
इसकी शिकायत विवेक शर्मा ने विन्द्रावन पुलिस को दी। इसी को जांच बिन्दु बनाकर पुलिस विन्द्रवन पहुंची और विवेक शर्मा निवासी मुरैना के माध्यम से करिश्मा की तलाश की तो वह विन्द्रावन में विजय के साथ एक किराये के मकान मेें मिली। पुलिस ने दोनों से पूछतांछ की तो हत्या में शामिल कार व मोवाइल और उसके दोस्त रामू शर्मा को पकडक़र दतिया लाई। इस तरह परासरी निवासी रानू हत्याकाण्ड का पर्दाफाश हुआ।