Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
आंखें क्या चली गई, अपनों ने तोड़ा नाता, बेटी बनीं बुढ़ापे की लाठी - Sabguru News
Home Breaking आंखें क्या चली गई, अपनों ने तोड़ा नाता, बेटी बनीं बुढ़ापे की लाठी

आंखें क्या चली गई, अपनों ने तोड़ा नाता, बेटी बनीं बुढ़ापे की लाठी

0
आंखें क्या चली गई, अपनों ने तोड़ा नाता, बेटी बनीं बुढ़ापे की लाठी

सबगुरु न्यूज उदयपुर। बेटियां किसी बेटे से कम नहीं होती। यह साबित किया है उदयपुर जिले की मावली तहसील के डामरा की मगरी की निरमा ने।

मावली तहसील मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर बसे डामरा की मगरी में भीमा पुत्र देवा गमेती दस साल पहले पत्थर की खान में मजूदरी करते समय आंखें खो बैठा था। इसके बाद परिवार के आर्थिक हालात खराब हो गए।

उस समय बेटा तीन साल का था। बेटी बड़ी थी और वह पिता की परेशानी को समझ सकती थी। उस समय उसकी बेटी ने घर की परिस्थितियों से समझौता किया और 10 वर्ष पहले ही पढ़ना छोड़ दिया।

भीमा ने बताया कि खान में पहले पत्थर तोड़ते समय एक पत्थर आंख पर जा लगा। इस कारण से उसकी आंखें खराब हो गई। उदयपुर भी इलाज करवाया। इससे कोई फायदा नहीं हुआ। उसके बाद से ही बेटी अपने पिता का सहारा बनी हुई है। उसने खेत में मजदूरी कर अपने परिवार को पाला। इस कारण वह पढ़ाई भी नहीं कर पाई। पिता का दुख है वह अपनी बेटी की उचित शिक्षा का प्रबंध नहीं कर पाया।

अब जहां भी पिता जाता है वहां पर पुत्री उसे लेकर जाती है। घर तक जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लिया जाता है। भीमा का मकान भी कच्चा है। साथ ही उसे किसी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। कच्चा मकान भी गिरने के कगार पर है। वह आए दिन तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर भी लगा रहा है लेकिन उसे राहत नहीं मिल रही है।