झुंझुनू। झुंझुनू जिले के कुल्हरियों की ढाणी गांव निवासी आरडी एजेंट सुभाष कुल्हरि की हत्या मामले का खुलासा करते हुए बिसाऊ पुलिस ने मंगलवार को मुख्य सूत्रधार मृतक की पुत्रवधु सोनू (25) पत्नी विकास कुल्हरि, सुनील (28 ) पुत्र सुभाष, दीपेंद्र (22) पुत्र सुरेश कुमार निवासी कुल्हरियों की ढाणी को अरेस्ट किया है।
जबकि 16 वर्षीय एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया है। मामले में सह आरोपी प्रदीप पुत्र सुभाष जाट निवासी वारिसपुरा की तलाश जारी है। इस ब्लाइंड मर्डर की मॉनेटरिंग कर रहे एसपी एसके गुप्ता ने मंगलवार को थाने में समूचे घटनाक्रम की सिलसेलवार जानकारी दी।
गुप्ता ने बताया कि मृतक सुभाष कुल्हरि की पुत्रवधु सोनू खुद पर रोकटोक लगाने व घर में ही पाबंद करने से नाराज थी। रास्ते का कांटा बने ससुर को सोनू ने अपने प्रेमी सुनील को शादी का झांसा देकर ठिकाने लगवाया।
आरोपी सुनील ने बाद में तीन अन्य को पैसों का लालच देकर सारे घटनाक्रम में शामिल कर लिया। पुलिस तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी जबकि बाल अपचारी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।
एसपी गुप्ता ने बताया कि सुभाष कुल्हरि की हत्या के बाद उसकी पुत्रवधु सोनू का व्यवहार पुलिस को संदिग्ध लगा। पूर्व में जहरीला पदार्थ मिला अमरस पीने से सुभाष सहित परिवार के सभी सदस्य अचेत हो गए थे लेकिन उसकी पुत्रवधु सोनु अचेत नहीं हुई। उस समय तो किसी ने भी सोनू पर संदेह नहीं किया। लेकिन सुभाष कुल्हरि की हत्या के बाद पुलिस की जांच सोनू पर ही केंद्रित रही।
जांच में जुटी पुलिस टीम ने मृतक के घर जाकर सोनू से कड़ाई से कई राउंड में पूछताछ की। आखिरकार सोनू ने पुलिस के सामने सच उगल दिया। मृतक सुभाष कुल्हरि को अपने बहू सोनू के आचरण पर संदेह था। जिसके चलते उसने बिसाऊ के एक निजी अस्पताल में एएनएम का कार्य कर रही सोनू की दो वर्ष पूर्व नौकरी छुड़वा कर उसे घर में ही रहने के लिए पाबंद कर दिया था।
बिसाऊ आना जाना बंद होने व पति का व्यवहार सही नहीं होने पर सोनू तलाक लेना चाह रही थी। लेकिन ससुर सुभाष कुल्हरि के इसमें बाधक बनने पर उसे रास्ते से हटाने के लिए गांव में ही रहने वाले अपने प्रेमी सुनील को शादी का झांसा देकर सुभाष को ठिकाने लगाने के लिए तैयार किया।
बाद में सुनील ने मोटी रकम का प्रलोभन देकर दीपेंद्र, बाल अपचारी व अपने ममेरे भाई एंबूलेंस चालक प्रदीप को तैयार कर वारदात को अंजाम दिया। गत 14 जुलाई की रात को आरडी एजेंट सुभाष की हत्या से पहले आरोपी सुनील ने अपने साथियों के साथ मिलकर सुभाष को टवेरा एंबूलेंस से तीन बार कुचलने का असफल प्रयास भी किया था।
इसी प्रकार पुत्रवधु सोनू द्वारा आमरस में नींद की गोलियां मिलाए जाने पर भी सुभाष इलाज से बच गया। अंत में पांचवीं बार उसे सुनियोजित तरीके से सुभाष को मौत के घाट उतार दिया गया।
दुघर्टना का रूप देने की हुई कोशिश
मृतक सुभाष को मारने के बाद दुर्घटना को रूप देने की कोशिश की गई। लेकिन इस दौरान पुलिस व एंबुलेंस के आने की भनक लगने पर आरोपी सुभाष का शव सडक़ किनारे पटक कर भाग गए।