नई दिल्ली/मुंबई। मुंबई के 26/11 हमले के साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली ने शुक्रवार को अपनी गवाही के पांचवे दिन कहा कि उसने कसाब सहित अन्य हमलावरों की पहचान छिपाने के लिए सिद्धिविनायक मंदिर से 15-20 लाल और पीले रंग के पवित्र धागे खरीदे थे ताकि लोग उन्हें हिंदू ही समझें।
हेडली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी गवाही में कहा कि उसका इरादा भविष्य में मुंबई के भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर और शिवसेना भवन पर हमला करवाना था। इस काम के लिए उसने इन स्थानों की वीडियो बनाने के साथ ही रेकी भी की थी।
उसने कहा कि लश्कर के निशाने पर शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे थे। उसने बताया कि साजिद मीर ने उससे राजाराम से घनिष्ठ संबंध बनाने को कहा था क्योंकि वह उद्धव ठाकरे का पीआरओ था।
हेडली ने कहा कि आतंकी हमले की साजिश के दौरान मुंबई अवाईअड्डे को टारगेट में शामिल नहीं किये जाने पर मेजर इकबाल ने आपत्ति जताई थी।
उसने कहा कि मुंबई एयरपोर्ट और दूसरी लोकेशन को मैंने जीपीएस प्वाइंट्स के जरिए अपने सैटेलाइट फोन में नोट किया था जिसे लश्कर के ऑपरेटर साजिद मीर ने बाद में अपने लैपटॉप में डाउनलोड कर लिया था, ताकि सभी टारगेट की दूरियों की सही जानकारी मिलती रहे।
हेडली ने अदालत को बताया कि उसने 10 हमलावरों की पहचान छिपाने के लिए सिद्धिविनायक मंदिर से लाल और पीले रंग के 15-20 पवित्र धागे खरीदे थे ताकि लोग उन्हें हिंदू ही समझें।
हेडली ने कहा कि पाकिस्तान जाकर यह रिस्ट बैंड उसने साजिद मीर को दिए थे। मीर ने हेडली के इस कदम को सराहना करते हुए बधाई दी थी और कहा कि तुमने सही काम किया है।
हेडली ने कहा कि 26/11 हमलों के लिए स्थानों का चयन करने के लिए उसने गेटवे आॅफ इंडिया, कफ परेड, वर्ली का दौरा किया था।
9-15 अप्रैल, 2008 तक मुंबई का दौरा करने के बाद वह पाकिस्तान गया था। वहां जाकर उसने साजिद मीर और मेजर इकबाल से मुलाकात की और उन्हें आतंकी हमलों के लिए संभावित स्थानों का वीडियो भी दिखाया था।