चंडीगढ़। पिछले चार सालों में डेविस कप में अपना पहला सिंगल्स मैच खेल रहे रोहन बोपन्ना पहला सेट गंवाने के बाद अच्छी वापसी करके रविवार को चंडीगढ़ क्लब में पहले रिवर्स सिंगल में हांग चुंग को हराया।
इसके बाद खेले गए दूसरे सिंगल्स मैच में योंग क्यू लिम ने रामकुमार रामनाथन को हराकर भारत को एशिया ओसियाना ग्रुप-ए मुकाबले में दक्षिण कोरिया के खिलाफ क्लीन स्वीप नहीं करने दिया। भारत को यहां पर 4-1 से जीत मिली और अब उसे वर्ल्ड भारत के स्टार डबल्स खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने एटीपी रैंकिंग में 655वीं रैंकिंग के चुंग के खिलाफ 3-6, 6-4, 6-4 से जीत दर्ज करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
मानेनी शुक्रवार को खेले गए मैच में चोटिल हो गए थे जिसके बाद उन्होंने रिवर्स सिंगल्स मैच नहीं खेला। बोपन्ना ने डेविस कप में आखिरी बार सिंगल्स मैच 2012 में उज्बेकिस्तान के सरवर इकरामोव के खिलाफ खेला था। वह मुकाबले का पांचवां मैच था जिसमें बोपन्ना जीते थे। यह उनकी डेविस कप सिंगल में कुल दसवीं जीत है।
भारत ने पहले दिन दोनों सिंगल और दूसरे दिन डबल्स मैच जीतकर अजेय बढ़त हासिल कर ली थी और इसलिए आज के दोनों रिवर्स सिंगल्स मैच औपचारिक रह गये थे। लिम ने क्लीन स्वीप से रोका: भारत के 21 साल के खिलाड़ी रामकुमार इस टाई का पांचवां मैच खेलने के लिए उतरे लेकिन रैंकिंग में अपने से 409 स्थान नीचे काबिज लिम से दो घंटे तक चले करीबी मुकाबले में 3-6, 6-4, 6-7 से हार गए।
कोरियाई टीम भले ही मुकाबला 1-4 से हार गई लेकिन उसने भारतीयों को आसानी से नहीं जीतने दिया। उन्हें मुश्किल कोर्ट पर खेलना पड़ा लेकिन उन्होंने आखिर तक जबर्दस्त मुकाबला किया। लिम की जीत के तुरंत बाद सभी भारतीय खिलाड़ियों के मुंह से निकला ‘भाई वाह’ जिससे दर्शक भी हैरान हो गए।
भारत अब 16 देशों के विश्व ग्रुप में जगह बनाने के लिए तीसरी बार प्रयास करेगा। उसे सितंबर में होने वाले मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में जानने के लिए विश्व ग्रुप के मैचों के परिणाम तक इंतजार करना होगा। डेविस कप में डेब्यू करने वाले रामकुमार को हराकर कोरिया को एकमात्र जीत दिलाने वाले काेरियाई आर्मी मेन लिम ने दिखा दिया कि वे हार मानने वालों में से नहीं है।
पहले दिन साकेत से चोट के कारण हारने वाले लिम ने आखिरी दिन शानदार गेम दिखाया। वे भी पहले दिन गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे, लेकिन वे आखिरी दिन जरूर खेले।उन्होंने पहले सेट के चौथे गेम में रामकुमार की सर्विस ब्रेक करके सेट जीतने में देरी नहीं की। दूसरे सेट में भी उन्होंने रामकुमार को कड़ी टक्कर दी और तीसरे सेट के टाइब्रेकर में एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज कर टीम को खिताब दिला दिया।