जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में 52 अरब हस्तलिखित राम नामों की महापरिक्रमा रूपी कुंभ का रविवार को धर्म, अनुष्ठान और यज्ञ हवन के साथ विधिवत शुभारंभ हुआ। मंदिर परिसर के सतसंग भवन में 19 अप्रेल तक रामभक्त रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा कर सकेंगे।
9 अप्रेल को सुबह 9 बजे त्रिवेणीधाम के पीठाधीश्वर संत नारायण दास महाराज ने विशेष आरती कर महापरिक्रमा का श्रीगणेश कराया। इस अवसर पर गोविंददेवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, संतगण, समाजसेवी, धर्मप्रेमी व रामभक्त मौजूद रहे। आरती के बाद परिक्रमा करने वाले भक्तगणों का हुजूम उमड पडा।
मालूम हो कि ठा श्रीगोविंददेव जी की अनुकंपा तथा महंत अंजन कुमार गोस्वामी व मानस गोस्वामी की प्रेरणा एवं त्रिवेणीधाम के पीठाधीश्वर संत नारायण दास महाराज के आशीर्वाद, भीलवाडा आसींद के महंत केशवदास शास्त्री के सान्निध्य में त्रिवेणी धाम सेवा समिति के सहयोग से जयपुर में एक बार फिर हस्तलिखित रामनाम महामंत्रों की महापरिक्रमा का योग जयपुर में बना है। श्रद्धालू प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक परिक्रमा का लाभ ले सकेंगे।
रामनाम धन संग्रह बैंक अजमेर अन्तर्गत मानवसेवा मंगल न्यास की ओर से संचाालित इस प्रकल्प के जरिए हस्तलिखित राम नाम लेखन का संग्रहण वर्ष 1987 से अनवरत किया जा रहा है। समय समय पर धर्मप्रेमी बंधुओं की ओर से देश के विभिन्न भागों में इन रामनाम महामंत्रों की परिक्रमा का आयोजन होता रहता है।
रामनाम परिक्रमा समारोह की आयोजक त्रिवेणीधाम सत्संग समिति के अनुसार परिक्रमा स्थल पर श्रद्धालुओं को संतों के प्रवचन और रामनाम की महिमा के व्याखान होंगे। हर दिन सुबह 6 बजे आरती के साथ परिक्रमा की शुरुआत होगी, शाम 7 बजे महाआरती होगी तथा परिक्रमा रात 9 बजे तक की जा सकेगी।
परिक्रमा स्थल पर प्रतिदिन भव्य राम दरबार की झांकिया सजाई जाएंगी। भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र और प्रेरणा देने वाले संदेश समूचे पांडाल में लगाए जाएंगे।
परिक्रमा स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
गर्मी को देखते हुए परिक्रमा स्थल पर आने वाले भक्तगणों, माताओं, बहनों और बच्चों के लिए शीतल जल, छायादार जगह, चिकित्सा आदि की सुविधा महैया कराई गई है। प्रदेश के दूर दराज व देश के विभिन्न शहरों से आने वाले रामभक्तों के ठहरने के लिए भी व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना होगा।
परिक्रमा स्थल पर निशुल्क रामनाम पुस्तिकाओं का वितरण
जो भक्तगण रामनाम लेखन में रुचि रखते हैं उन्हें परिक्रमा स्थल पर ही रिक्त पुस्तिकाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए विशेष काउंटर लगाया गया है। पूर्णरूप से भरी पुस्तिओं को भी जमा करने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए रामनाम धन संग्रह बैंक के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
सत्संग भवन भी विश्व विख्यात
बता दें कि जिस सतसंग भवन में परिक्रमा का आयोजन हो रहा है वह विश्व विख्यात है। इस भवन का नाम दुनियां की सबसे बडी छत के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है। यह भवन अपनी लंबाई की वजह से विश्व में अलग ही स्थान रखता है। गोविंद देव जी मंदिर के के सत्संग भवन की छत बिना पिलर की दुनिया की सबसे बड़ी छत है। इस भवन की छत दो साल में बनकर तैयार हुई थी। इसे 2008 में बनाया गया था। लगातार 36 घंटों तक इस छत का निर्माण करवाया गया था। यह भवन 119 फीट लंबा और 124 फीट चौड़ा है। कुल 3 करोड़ की लागत से तैयार इस भवन की प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी छत को पोस्ट टेंसनिंग तकनीक से तैयार किया गया है। इस भवन में एक साथ 5 हजार व्यक्ति बैठ सकते हैं।