भोपाल। मध्यप्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि देने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया और महिलाओं ने खून से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को खत लिखा है।
मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक ले जाने के लिए संचालित ‘दीनदयाल 108 एंबुलेंस सेवा’ के लगभग तीन हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उनका ईदगाह मैदान में धरना प्रदर्शन जारी है। आंदोलन का रविवार को पांचवां दिन है।
मप्र 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी असलम खान ने बताया कि रविवार को सदबुद्धि यज्ञ किए जाने के अलावा महिला कर्मचारियों ने अपने खून से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को अपनी मांगों के संदर्भ में पत्र लिखा है।
हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें अन्य राज्यों के एंबुलेंस कर्मचारियों की तरह वेतनमान दिया जाए, उनके काम के घंटे निर्धारित हो और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की गड़बड़ियों की जांच कराई जाए।
असलम खान का कहना है कि राज्य में एंबुलेंस सेवा के संचालन की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर के पास है, यह कंपनी पूर्व में कई अन्य राज्यों में गड़बड़ी कर चुकी है, जिसके चलते उससे वसूली भी हुई है, मगर मध्यप्रदेश सरकार इस कंपनी पर मेहरबान बनी हुई है।
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के चलते राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, घायल मरीज समय से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं, क्योंकि वाहन चालक व टेकनीशियनों का इंतजाम करना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत बन गया है।