उत्तरकाशी। बर्फ की चादर ओढ़े जिले का दयारा बुग्याल स्कीइंग व साहसिक पर्यटन के मुरीदों का इंतजार कर रहा है। 30 वर्ग किलोमीटर में फैले दयारा बुग्याल में इन दिनों पांच से छह फीट बर्फ की चादर है।
स्कीइंग के विशेषज्ञ अत्तर सिंह पंवार बताते हैं कि दयारा बुग्याल में स्कीइंग के लिए गुलमर्ग से अच्छी स्थितियां हैं। बताते चले कि समुद्रतल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर 30 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में शीतकालीन खेलों के लिए आदर्श स्थितियां हैं।
दयारा बुग्याल में मार्च माह के पहले पखवाड़े तक बर्फबारी जारी रहती है। इससे यहां बर्फ की मोटी चादर बिछ जाती है, जो अप्रेल के बाद ही पिघलती है। ऐसे में यहां फरवरी आखिर से अप्रैल तक शीतकालीन खेलों के आयोजन की भरपूर संभावनाएं हैं।
इन दिनों भी दयारा बुग्याल में पांच से छह फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी है। स्थिति यह है कि बार्सू व रैथल गांव से दयारा जाने वाले पूरे रास्ते में बर्फ ही बर्फ है लेकिन, पर्यटक जिस संख्या में दयारा बुग्याल पहुंचने चाहिए, उस संख्या में नहीं पहुंच पा रहे हैं जबकि दयारा बुग्याल में स्कीइंग के ढलान कदम-कदम पर हैं।
दयारा बुग्याल में दो किलोमीटर लंबे कई ढलान हैं जिनमें स्कीइंग हो सकती हैं। बार्सू गांव से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थिति दयारा बुग्याल का हिस्सा बरनाला में एक किलोमीटर लंबा एक ढलान है। यहां पर्यटन विभाग ने पिछले दस दिन स्कीइंग का प्रशिक्षण दिया।
दयारा बुग्याल पहुंचे हिमाचल प्रदेश के मनाली निवासी रोबिन शर्मा कहते हैं यहां बुग्याल के ढलान बहुत अच्छे हैं। पांच से छह फिर की बर्फबारी किसी रोमांच से कम नहीं है।
गुलमर्ग में स्कीइंग कर चुके अत्तर सिंह पंवार कहते हैं कि गेम्स के लिए दयारा में आदर्श स्थितियां हैं। यहां कुछ सुविधाएं मिले तथा कुछ इस बुग्याल का प्रचार हो तो इससे अच्छी स्कीइंग कहीं और नहीं हो सकती है।