नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जो लोग आस्था के नाम पर कानून एवं व्यवस्था हाथ में लेते हैं और हिंसा पर उतारू हो जाते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मोदी के इस बयान को हरियाणा हिंसा के संदर्भ में जोड़कर देखा जा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी और सरदार पटेल की धरती है और यहां हिंसा स्वीकार्य नहीं है।
मोदी ने शुक्रवार को हुई हिंसा का कोई उल्लेख नहीं किया। दुष्कर्म मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद 36 लोगों की मौत हो गई थी।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा कि जब हम हिंसा के बारे में सुनते हैं तो चिंतित होना, प्राकृतिक है। जो लोग कानून हाथ में लेकर हिंसा करते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, फिर चाहे व कोई भी हो।
मोदी ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी को भी आस्था के नाम पर कानून एवं व्यवस्था को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जहां से भी हिंसा की खबर आती है तो तनाव होना लाजिमी है।
30 करोड़ जनधन खातों में 65,000 करोड़ रुपए जमा
मोदी ने कहा कि बीते तीन सालों में 30 करोड़ परिवार प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े हैं और उनके खातों में 65,000 करोड़ रुपए जमा हुए।
मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि 28 अगस्त को जन धन योजना के तीन साल पूरे हो जाएंगे।
मोदी ने कहा कि हमने 30 करोड़ नए परिवारों को इससे जोड़ा है, उनके नए खाते खोलें हैं। यह संख्या कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि गरीब देश की अर्थव्यवस्था के मुख्यधारा का हिस्सा बन चुके हैं और गरीब धन बचा रहे हैं और इसके साथ आने वाली सुरक्षा को महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि पैसा हाथ में रहता हैं तो ज्यादा खर्च करने की इच्छा होती है। आज संयम का माहौल है। गरीब आदमी महसूस करता है कि जो पैसा उसने बचाया है वह उसे अपने बच्चे या किसी अच्छे उद्यम में लगाएगा।
मोदी ने कहा कि रुपे कार्ड ने गरीब की गरिमा को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि गरीबों ने बैंकों में 65,000 करोड रुपए जमा किए हैं। यह उनकी बचत है और भविष्य में उनके ताकत का स्रोत है।
मोदी ने यह भी कहा कि गरीब लोग बीमा योजनाओं- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से फायदा पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों युवाओं को मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिल रहा है। इससे उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में सहायता मिली है और उन्होंने रोजगार के मौके पैदा किए हैं।
शिक्षक दिवस पर ‘टीच टू ट्रांसफॉर्म’मंत्र से आगे बढ़े
मोदी ने देश से आग्रह करते हुए कहा कि वे शिक्षक दिवस के अवसर पर हर किसी को पांच साल के लिए शिक्षा के संकल्प से बंधना चाहिए। इस साल जब हम शिक्षक दिवस मनाएंगे तो क्या हम ‘टीच टू ट्रांसफॉर्म’ की शपथ लेकर अभियान शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस शपथ के साथ हम पांच की अवधि के प्रत्येक लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। हम निर्धारित समय में इन लक्ष्यों की प्राप्ति के तरीकों को हासिल कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए शिक्षक की भूमिका अहम है। प्रत्येक शिक्षक के जीवन में ऐसे अनुभव हैं, जिसमें वह कुछ छात्रों की जिंदगी में बदलाव लेकर आए हैं।
मोदी ने कहा कि सामूहिक प्रयास से बदलाव लाया जा सकता है। आइए, बदलाव की शिक्षा के मंत्र का अनुसरण करें।
छोटे दुकानदारों से मोलभाव नहीं करें : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से आग्रह किया कि वे छोटे दुकानदारों, सब्जी विक्रेताओं या ऑटोरिक्शा चालकों से छोटी रकम को लेकर मोलभाव नहीं करें।
मोदी ने कहा कि छोटे दुकानदारों से मोलभाव करने वाले लोग रेस्तरां में बिल का भुगतान करने में संकोच नहीं करते।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में कहा कि इतना ही नहीं। जब हम शोरूम में साड़ी खरीदने जाते हैं, तो हम मोलभाव नहीं करते। लेकिन जब बात गरीबों की आती है तो हम मोलभाव करने से खुद को नहीं रोक पाते।
उन्होंने कहा कि लोगों को सब्जी विक्रेताओं, छोटे दुकानदारों, ऑटोरिक्शा चालकों और यहां तक कि मेहनतकश लोगों से मोलभाव करने की आदत है।
उन्होंने कहा कि दो या पांच रुपए से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन क्या किसी ने सोचा कि इस तरह की छोटी बड़ी आदतों से गरीबों को कितनी चोट पहुंचती है।
मोदी ने कहा कि क्या आपने कभी सोचा है कि गरीब व्यक्ति किस पीड़ा से गुजरता है। गरीब लोगों को ठेस पहुंचती है जब उन्हें एहसास होता है कि उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़ा किया जा रहा है।