सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला महिला कांग्रेस की ओर से सोमवार को आयोजित थाली बजाओ-सरकार जगाओ रैली के तहत जिला प्रशासन और कांग्रेस के बीच सिर्फ दो गेटों को खोलने को लेकर पांच घंटे गतिरोध चला। परिणामस्वरूप रैली के बाद ज्ञापन देने का जो काम दोपहर तीन बजे हो जाता वह काम रात को आठ बजे हो पाया।
केन्द्र सरकार की ओर से नोटबंदी किए जाने के बाद सोमवार को जिला मुख्यालय पर महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा के आह्वान पर थाली बजाओ-सरकार जगाओ रैली निकाली। नगर परिषद, सरजावाव दरवाजे, नीलवणी चैक, आयुर्वेद चिकित्सालय होते हुए यह रैली कलक्टरी पहुंची। वहां पर प्रशासन के निर्देशानुसार मुख्य द्वार पर ही पुलिस ने पूर्व विधायक संयम लोढा के नेतृत्व में पहुंची इस रैली को रोक दिया।
लोढा सभी कांग्रेसियों को कलक्टर में बने दूसरे दरवाजे तक जाने के लिए अडे थे तो जिला प्रशासन उसी दरवाजे पर सभी लोगों को रोककर सिर्फ दस लोगों को जिला कलक्टर को ज्ञापन देने के लिए जाने की अनुमति देने में अडिग था। दोनों दरवाजों के बीच करीब पचास मीटर का फासला है। लोढा और शर्मा के नेतृत्व में पहुंची कांग्रेस के लोगों को यह नामंजूर था। ऐसे में वह लोग मुख्यद्वार पर ही धरने पर बैठ गए।
उनका कहना था या तो जिला कलक्टर मुख्यद्वार पर आ जाएं या फिर रैली में शामिल सभी लोगों को दूसरे द्वार तक जाने दिया जाए। दोनों ही अपनी जगह अडे हुए थे, इससे दोपहर तीन बजे से रात की आठ बज गई। इस बीच पुलिस जाब्ता भी काफी लगा दिया गया। शाम को करीब सात बजे यह निर्णय हुआ कि कांग्रेसियों को प्रथम दरवाजे तक आने दिया जाएगा, सवा सात बजे मुख्य द्वार को खोल दिया गया और सभी पुलिसकर्मी दूसरे दरवाजे पर आ गए।
अब लोढा के नेतृत्व में कांग्रेसी इस बात पर अड गए कि वह लोग दस लोग ही जिला कलक्टर से मिलने जाएंगे, लेकिन प्रशासन को जनता पर विश्वास करते हुए दोनों दरवाजे खोलने होंगे। फिर इस बात को लेकर पेच फंस गया। इसी बीच मुख्य द्वार पर कांग्रेस के कार्यकर्ता भजन करते रहे। रात करीब 8.10 बजे दूसरा दरवाजा भी खोल दिया गया। तब जाकर लोढा के नेतृत्व में कांग्रेसी दूसरे दरवाजे तक पहुंचे। जहां पर पुलिस की बेरीकेटिंग थी।
यहां से संयम लोढा, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा, प्रदेश सचिव रेखा परमार, जिला प्रवक्ता हामिद कुरैशी, जीवाराम आर्य आदि समेत करीब डेढ दर्जन लोग जिला कलक्टर अभिमन्युसिंह को ज्ञापन देने पहुंचे। इन पांच घंटों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत, एडीएम, एसीईओ आशाराम डूडी की कई बार वार्ता भी हुआ। इनके संदेश लेकर सिरोही तहसीलदार कई बार अंदर बाहर भी गए, लेकिन बात दोनों दरवाजे खुलने पर ही बनी।
-एटीएम की स्थिति जानने का अनुरोध
संयम लोढा ने जिला कलक्टर अभिमन्युकुमार् से अनुरोध किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के एटीएम में नोट अभी भी नहीं डाले जा रहे हैं। इसके अलावा जिले के एटीएम में पांच सौ के नोट नहीं मिल रहे हैं। दो हजार के नोट आ रहे हैं, जिनका फुटकर मिलना भी मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने जिला कलक्टर से अनुरोध किया कि वह लीड बैंक आॅफिसर से निरंतर नोटों के स्टेट्स, एटीएम की वर्किंग जैसी स्थितियों की जानकारी लेकर मीडिया के माध्यम से इसका संदेश जनता तक पहुंचाए। दरवाजा बंद रखने के संबंध में लोढा ने कहा कि इतने लम्बे अर्से में कभी ऐसा नहीं हुआ। वह प्रशासन के सहयोगी हैं और किसी तरह का कोई विवाद करना मकसद नहीं है।
यदि प्रशासन को कांग्रेस की रैली के बाद लोगों के कलक्टरी परिसर में आने से परहेज था तो धारा १४४ लगा देनी चाहिए थी, जिसकी पालना पूरी कटिबद्धता से करते। सौहार्दपूर्ण वार्ता में जिला कलक्टर ने लोढा को बताया कि वह जिले में नोटों के स्टेटस की जानकारी ले रहे हैं और लोगों को समस्या नहीं आए इसके लिए प्रयासरत हैं।
-पुलिस दल में मच गया हडकम्प
प्रथम दरवाजा खोलने का निर्णय करने के बाद सारा पुलिस बल दूसरे दरवाजे पर आ गया। यहां पर पेड पर एक सोडियम लाइट लगी हुई थी। पेड पर बंदरों का डेरा रहता है।
इसी बीच एक बंदर कूदा तो जमीन पर आ गिरा। इससे नीचे बैठे कुत्ते उन पर झपट पडे। इससे पेड पर लगी सोडियम लाइट का तार टूट गया और अंधेरा हो गया। एकाएक बंदरों और कुत्तों के बीच हुई इस जद्दोजेहद में पुलिसकर्मियों में भी हडकम्प मच गया। उन्होंने अपने हाथ में रखी लाठियों से उन्हें खदेडा।
-हो चुका है विवाद
पूर्व में एक धरने के दौरान पूर्व जिला कलक्टर वी सरवन तथा पूर्व विधायक संयम लोढा के बीच उन्हीं के चैम्बर में जबरदस्त विवाद हो गया था। उस दौरान लोढा और कलक्टर में बहस हो गई थी। इसके दूसरे दिन ही कलक्टरी में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार के अलावा अंदर एक और दरवाजा लगवाया गया था। आमतौर पर धरना प्रदर्शन वालों को मुख्य द्वार पर ही रोका जाता है, जरूरत पडने पर ही दूसरे गेट तक पहुंचने दिया जाता है।