रोहतक। एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली में गैंगरेप और हत्या का शिकार बनी निर्भया के आरोपी को तीन साल की सजा पूरी होने के बाद रिहाई मिल गई है। वहीं दूसरी ओर रोहतक की निर्भया को न्याय मिला और उसके साथ गैंगरेप और हत्या के कुल नौ आरोपियों में से सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। ये सातों दोषी एक ही गांव गद्दी खेड़ी के रहने वाले हैं। एक दोषी नाबालिग है, जबकि एक खुदकुशी कर चुका है।
रोहतक गैंगरेप केस के सातों आरोपियों को रोहतक कोर्ट ने 18 दिसंबर को दोषी करार दिया गया था। पीड़ित पक्ष के वकील ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानकर फांसी की मांग की थी, जबकि दोषियों के वकील का पक्ष था कि इन्हें अलग-अलग धाराओं में सजा दी जाए।
रोहतक कोर्ट ने साढ़े 10 माह में ही केस में सुनवाई पूरी कर दी। बीते 15 अक्तूबर से गवाही का दौर शुरू हुआ था। अक्तूबर माह में गवाही के लिए 9 दिन निर्धारित किए गए थे। इस दौरान कुल 57 लोगों की गवाही हुई। आरोपी पक्ष की ओर से भी तीन गवाह पेश किए गए थे। न्यायाधीश सीमा सिंघल की कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को दोषी करार दे दिया।
क्या था मामला
रोहतक से एक फरवरी 2015 को लापता नेपाली युवती का शव नग्न अवस्था में चार फरवरी को बहुअकबरपुर गांव के खेतों में मिला था। पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ था कि युवती के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया था। बाद में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था जबकि एक आरोपी ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली थी।
गैंगरेप, और बेरहमी से हत्या करने के बाद भी आरोपी उसकी सांस बंद होने तक उसके पास रहे। एक आरोपी राजेश उर्फ घुचडू ने युवती के कानों से बाली और नाक की नथनी तक उतार ली थी।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि उसके साथ गद्दी खेड़ी गांव के खेतों में बने दो अलग-अलग कमरों में गैंगरेप किया। एक कमरे में कई घंटे नोचने के बाद एक बार तो आरोपियों ने उसे हाथ पकड़कर शहर की तरफ रवाना कर दिया था।
आरोपियों ने नेपाली मूल की मंदबुद्धि युवती के साथ हैवानियत हाईवे किनारे बने दो मंजिला कमरे में ही शुरू कर दी थी। सबसे पहले रोड से करीब 150 मीटर भीतर दो मंजिला कमरे में लड़की के साथ पहली बार बरामदे में ही दुराचार किया। लड़की के ज्यादा शोर मचाने पर आरोपियों ने खूब मारपीट भी की।
बरामदे में रेप करते समय फंसने के डर से उन्होंने उसे वहां से उठा लिया और 500 मीटर भीतर की ओर एकांत में बने कमरे में ले गए। बचने और भागने का प्रयास कर रही लड़की को युवकों ने बालों से पकड़कर घसीटा। युवती के साथ अप्राकृतिक यौनाचार भी किया गया।
मन भर गया तो अधमरी हालत में लड़की को वहां से बाइक पर उठाकर नहर के किनारे ले जाया गया और निर्मम हत्या कर दी। हत्या करने से पहले दरिंदों ने युवती के शरीर में पत्थर भी डाल दिए।
ये हैं आठों आरोपी
आठों आरोपियों पवन, मनबीर, पदम उर्फ प्रमोद, संतोष नेपाली, सरवर उर्फ बिल्लू, सुनील उर्फ शीलू, सुनील उर्फ मड्ढा, राजेश उर्फ घूचडू। मामले में 9वें आरोपी सोमबीर ने पकड़े जाने के डर से आत्महत्या कर ली थी।