नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की दुर्गत का ठीकरा स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के सिर पर फोडा है। हार पर आत्ममंथन के लिए शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष सतीश उपाध्याय की ओर से प्रदेश के सभी पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ हुई बैठक में यह बात सामने आई।
पंडित पंत मार्ग स्थित भाजपा कार्यालय में दिल्ली प्रदेश के पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों की बैठक में उपाध्याय ने कहा कि बैठक का मकसद विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के कारणों को जानना था ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों या कमियों की गुजाइश नहीं रहे। बैठक में पार्टी के कुछ नेताओं ने हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से थोपे गए इकतरफा फैसलों को इसका कारण बताया। उन्होंने कहा कि ऐन चुनाव के समय जिस तरह से किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया उससे पुराने कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया।
उन्होंने कहा कि राजनीति में एक बार गंवाया गया अवसर हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। वहीं कुछ अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी को अपनी सकारात्मक प्रचार की नीति को नहीं छोडना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हमें अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित और नकारात्मक प्रचार से बचना बचते तो शायद काफी फायदा मिलता, नकारात्मक प्रचार से संभवतः आम आदमी पार्टी को सहानुभूति मिली है। पदाधिकारी यह भी कहने से नहीं चूके कि यह नतीजे कि दिल्ली चुनाव के नतीजे इस बात की ओर साफ संकेत करते हैं कि चुनाव में जमीन से जुडे नेता और कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई। वहीं शीर्ष नेतृत्व द्वारा ऐसा लोगों को बढावा दिया गया जो दिल्ली की जमीनी हकीकत से कोसों दूर थे।