नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि वह अमरीकी वैज्ञानिकों, पुरातत्वविदों व डिस्कवरी चैनल के इस दावे कि रामसेतु मानव निर्मित है, का स्वागत करती है। इसके साथ ही उसने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि नासा का सैटेलाइट इस तथ्य की ओर पहले ही संकेत कर चुका था, इन वैज्ञानिक खोजों ने यह और स्पष्ट कर दिया है कि केवल रामसेतु ही नहीं, भगवान राम भी भारत के गौरवशाली इतिहास का एक अटूट भाग हैं।
सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह रिपोर्ट उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो भगवान राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिह्न् लगाते थे और उनको काल्पनिक चरित्र मानते थे। वे राम को नकारने वाले एक षड्यंत्र के अंतर्गत हिंदू आस्थाओं को अपमानित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के द्वारा प्रारंभ किया गया यह षड्यंत्र भारत को अपनी जड़ों से काटने का षड्यंत्र था, क्योंकि उन्हें मालूम था कि भारत की जड़ें राम के साथ जुड़ी हैं। दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद भी जिस तरह कुछ राजनीतिज्ञों और भाड़े के इतिहासकारों ने राम के अस्तित्व को नकारा वह बेहद शर्मनाक है। अब उन सबको व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राम के अस्तित्व को नकारने वाले शपथ पत्र देने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
जैन ने दावा किया कि यह निश्चित हो गया है कि अब रामसेतु को तोड़ा नहीं जाएगा। विश्व हिंदू परिषद मांग करती है कि रामसेतु को राष्ट्रीय ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए, जिससे भविष्य में कोई इस ओर उंगली उठाने का भी साहस न कर सके।