जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि आज युवा पढ़ लिख कर भी बेरोजगार हैं क्योंकि भारत की संपदा चंद हाथों में चली गई है इसलिए आर्थिक असमानता की खाई बढ़ती जा रही है।
उन्होंने आर्थिक न्याय की बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है पर भारतीयों का नंबर 183वां है। उन्होंने आर्थिक विसंगती का उदाहरण देते हुए कहा कि 1 प्रतिशत भारतीयों के पास देश की 58 प्रतिशत संपदा जमा हो गई है।
जब तक कॉरपोरेट जगत के पास इकट्ठे सारे धन का विकेंद्रीकरण नहीं होगा तब तक देश में उत्पन्न आर्थिक विषमता की स्थिति खत्म नहीं हो सकती। तिवाड़ी आज लोकसंग्रह अभियान के तहत किशनपोल विधानसभा के दौरे पर थे।
यह लड़ाई युवाओं के भविष्य के लिए है
तिवाड़ी ने कहा कि सरकार ने चार साल से 2 लाख 46 हज़ार सरकारी नौकरियों को कोर्ट में अटका रखा है। जिनको एक महीने में नौकरी पर लगा सकते हैं, लेकिन इनकी मंशा नहीं है। आरक्षण के नाम पर जातियों को लड़ाने का काम वर्तमान सरकार कर रही है, हमने सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय के लिए विधानसभा में संघर्ष कर वंचित वर्ग के आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल तो पास करवा दिया लेकिन सरकार ने अभी तक नोटिफ़िकेशन नहीं जारी किया। इसीलिए हमारा यह अभियान युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए है।
जन प्रतिनिधि का चुनाव किस आधार पर करेंगें?
तिवाड़ी ने अपने भाषण में कहा कि जयपुर शहर के मंदिर तोड़ने वाले कौन हैं? 27000 गायों को मरवाने वाले कौन हैं? जब संघ ने जयपुर में चक्का जाम किया तब कौनसा शहर का विधायक संघ के इस आंदोलन में स्वयंसेवकों साथ बैठा था? क्या यह देख कर कि उस नेता ने कितने बड़े व्यापार खड़े कर लिए, कितने मंदिर तोड़ दिए, कितने घर उजाड़ दिए, कितनी ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया और कितनों से दुश्मनी निकाल ली और जेल में पहुचाने का काम किया, उसका चुनाव करेंगें?
आज हमें गूंगे और बहरे नेताओं की ज़रूरत नहीं है विधानसभा में धनवान, बलवान, जातिवादी नेता की ज़रूरत नहीं है, अगर ज़रूरत है तो जन-सेवक की। हम 163 सीट लाके भी जनता के भले के काम नहीं कर पा रहे हैं, इसका एक कारण यह भी है कि तानाशाही तरीक़े से कार्य चल रहा है। हमारी मुख्यमंत्री ने जीएसटी काउन्सिल में न तो सांगानेरी प्रिंट और न ही मार्बल और भगवान की मूर्तियों पर लगने वाले जीएसटी की पैरवी की और इस कारण राज्य के मध्यम और छोटे व्यापारियों का बहुत नुक़सान हुआ है।
देश की सम्पदा, राज़ व्यवस्था का विकेंद्रीकरण ही समाधान
तिवाड़ी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था भारत के लिए पूंजी के केन्द्रीकरण की व्यवस्था ठीक नहीं है। जब तक दूर दराज में बसी ढ़ाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लाभ नहीं है।
उन्होंने आर्थिक न्याय के युद्ध के लिए युवाओं को तैयार रहने का आह्वान किया। इसी प्रकार जब सारी सत्ता एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित हो जाती है और केबिनेट मंत्री सिर्फ़ मोहर लगाने का काम करते हैं तो फिर तानाशाही का माहौल खड़ा हो जाता है।
अब सिद्धांतों की लड़ाई होश और अनुभव से लड़ेंगे
तिवाड़ी ने कहा कि हमने युवा अवस्था में पूरे जोश के साथ लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल की लड़ाई लड़ी थी, अब हम पूरे होश और हौसले के साथ जिन सिद्धांतों के लिए पूरा जीवन लगाया उन सिद्धांतों को लागू करने के लिए लड़ेंगे। आज जो व्यापारी, किसान, युवा बेरोज़गार त्राहि-त्राहि कर रहा है उनसब को संकट से उबारने के लिए हम लड़ाई लड़ेंगे ग़रीब के हक़ के लिए लड़ेंगे। लाभ-हानि के डर से नहीं सुख-दुःख और जय पराजय के डर से भी नहीं बल्कि लोकसंग्रह के लिए और जन कल्याण के लिए लड़ेंगे।
जिसकी चलती है उसे चलता करने का काम वाहिनी करेगी
सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अपने लोकसंग्रह अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि वे लोकसंग्रह अभियान का समापन 12 नवम्बर को सीकर में करेंगे। उन्होंने राजस्थान की वर्तमान स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि आज राजस्थान में किसी भी मंत्री, विधायक तथा अफसर की नहीं चलती, वे सभी हाथ बांधे खड़े रहते हैं। अगर किसी की चलती है तो सिर्फ मैडम की चलती है। अब समय आ गया है कि जिनकी चलती है उनका चलता किया जाए जिससे त्रस्त राजस्थान की जनता को न्याय मिल सके और तानाशाही व सामंतशाही का खात्मा हो सके।
तिवाडी का जगह जगह स्वागत
इससे पहले वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी का किशनपोल वाहिनी द्वारा रोज़गारेशवर महादेव मंदिर पर स्वागत किया गया वहां से वाहिनी कार्यकर्ताओं द्वारा वाहन रैली निकली जिसका 51 जगह विभिन्न समाजों, व्यापार मंडलों और प्रतिष्ठित कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया गया जो गोपीनाथ मंदिर में आम सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। किशनपोल के कार्यकर्ताओं ने तिवाड़ी को चक्र भेंट कर उन्हें गोपीनाथ की भूमिका निभाते हुए राजस्थान राजनीति में कार्य करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में ज़िला अध्यक्ष विमल अग्रवाल, स्त्री शक्ति वाहिनी अध्यक्ष वर्तिका सैन, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विष्णु जायसवाल, अशोक यादव, घनश्याम मंत्री, गिरधारी कुमावत, युवा वाहिनी ज़िला अध्यक्ष सुमित खंडेलवाल, मंडल अध्यक्ष मनोज गोयल, घनश्याम गहलोत, गिर्राज लाटा, प्रदेश युवा वाहिनी सदस्य शैलेंद्र माथुर, भँवर सिंह सिराधना, अनूप पारीक सहित अनेक वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।